Rahul Gandhi meets Wrestlers: पहलवानों के अखाड़े में पहुंचे राहुल गांधी, कुश्ती संघ के विवाद के बीच बजरंग पूनिया से की मुलाकात

Last Updated 27 Dec 2023 09:41:55 AM IST

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के विवाद के बीच बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहलवानों से मिलने के लिए हरियाणा के पहलवान दीपक पूनिया के गांव पहुंचे। उन्होंने यहां पर पहलवानों से मुलाकात की है।


रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के विवाद के बीच बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार सुबह हरियाणा में झज्जर के छारा गांव में वीरेंद्र अखाड़े पहुंचे। कांग्रेस नेता ने यहां बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों से बात की।

रेसलर बजरंग पूनिया और दीपक पूनिया ने इसी अखाड़े से अपने कुश्ती करियर की शुरुआत की थी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने यहां पहलवानों से वर्तमान स्थिति के बारे में चर्चा की। इस दौरान राहुल ने पहलवानों से उनकी समस्याओं के बारे में जाना।



राहुल के इस दौरे में उनके साथ बजरंग पूनिया भी दिखाई दिए, जो कुश्ती संघ के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के मुख्य चेहरों में शामिल हैं।

पहलवानों से मिले राहुल गांधी

कांग्रेस की हरियाणा इकाई के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता के अनुसार, गांधी तड़के छारा गांव में ‘वीरेंद्र अखाड़ा’ पहुंचे और बाद में उन्होंने पुनिया सहित अन्य पहलवानों से बातचीत की। राहुल गांधी कई घंटे तक अखाड़े में रूके।

गांधी के जाने के बाद पुनिया ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस नेता ने अखाड़े में पहलवानों की दिनचर्या देखी और उनसे बातचीत की।

यह पूछे जाने पर कि क्या गांधी से बातचीत के दौरान डब्ल्यूएफआई का मुद्दा भी उठा, एक अन्य पहलवान ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता को बताया कि पहलवान काफी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने गांधी की यात्रा को ‘‘औचक’’ बताया और कहा कि अखाड़े के पहलवानों को इसके बारे में जानकारी नहीं थी।

पहलवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (राहुल) सुबह 6:15 बजे अखाड़ा पहुंचे। उन्होंने हमसे हमारी दिनचर्या के बारे में पूछा, देखा कि हम कैसे व्यायाम करते हैं और उन्होंने भी कुछ व्यायाम किए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि उन्हें कुश्ती के बारे में काफी ज्ञान है।’’

उन्होंने कहा कि गांधी ने दूध, बाजरे की रोटी और साग खाया। गांधी को स्थानीय रूप से उगाई गई कुछ सब्जियां दी गईं, जिन्हें वह अपने साथ ले गए।

दो बार की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने मंगलवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार प्रधानमंत्री को लौटाने का फैसला किया और कहा कि जब पहलवान न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो ऐसे सम्मान निरर्थक हो गए हैं।

फोगाट का यह फैसला ओलंपिक पदक विजेता पुनिया और खिलाड़ी वीरेंद्र सिंह यादव द्वारा अपने पद्म श्री पुरस्कार लौटाने और रियो खेलों की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक द्वारा 21 दिसंबर को डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चुने जाने के बाद खेल से संन्यास लेने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है।

बता दें कि राहुल गांधी ने ऐसे समय पर पहलवानों से मुलाकात की है, जब भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) को लेकर विवाद चल रहा है। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने हाल ही में डब्ल्यूएफआई की नई संस्था को रद्द कर दिया। इसके साथ ही नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया गया है। संजय सिंह को बीजेपी सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है। बृजभूषण पर महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है।

खिलाड़ियों ने बृजभूषण के खिलाफ इस साल की शुरुआत में जंतर-मंतर पर कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था।

इस मामले की सुनवाई दिल्ली की एक अदालत में जारी है।

इससे पहले जब साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान किया था, उसके बाद प्रियंका गांधी ने भी पहलवानों से मुलाकात की थी। इस मुलाकात पर प्रियंका गांधी ने कहा, 'मैं एक महिला के रूप में यहां आई हूं क्योंकि उनके साथ जो हुआ वह गलत है।'

समय लाइव डेस्क/एजेंसी
नई दिल्ली


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