National Sports Day: जादूगर मेजर ध्यानचंद की आज 117वीं जयंती, बेटे को दी जाएगी उनकी हॉकी स्टिक

Last Updated 29 Aug 2022 04:28:46 PM IST

देश-दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हुए हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र में इतनी महारत हासिल की कि उनका नाम इतिहास के पन्नों में सदा के लिए दर्ज हो गया।


भारत में हॉकी के स्वर्णिम युग के साक्षी मेजर ध्यानचंद का नाम भी ऐसे ही लोगों में शुमार है। उन्होंने अपने खेल से भारत को ओलंपिक खेलों की हॉकी स्पर्धा में स्वर्णिम सफलता दिलाने के साथ ही परंपरागत एशियाई हॉकी का दबदबा कायम किया। विपक्षी खिलाड़ियों के कब्जे से गेंद छीनकर बिजली की तेजी से दौड़ने वाले ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ
था।

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की हॉकी स्टिक जो दशकों से मेरठ में संरक्षित थी, उसे झांसी ले जाया गया है। उसकी देखरेख का काम कोच सतीश शर्मा और खेल अधिकारियों सहित खिलाड़ियों की एक टीम कर रही है। हॉकी के जादूगर के बेटे अशोक ध्यानचंद को 117वीं जयंती के मौके पर झांसी में यह हॉकी स्टिक सौंपी जाएगी।

कोच सतीश शर्मा ने कहा, "यह हॉकी स्टिक 66 साल से अधिक पुरानी है। 'दद्दा', जिसे हॉकी के दिग्गज के रूप में जाना जाता था, 1956 में इस हॉकी स्टिक के साथ अभ्यास करते थे। यह हॉकी स्टिक अरुण शर्मा के पास थी जो हॉकी मेकर स्वर्गीय सोहन लाल शर्मा के पोते हैं। सोहन लाल के साथ मेजर ध्यानचंद काफी समय बिताते थे। अरुण ने लीजेंड की स्मृति को जीवित रखने के लिए इसे अपने पास सुरक्षित रखा।"

उन्होंने आगे कहा, "हाल ही में, अशोक ध्यानचंद ने उस हॉकी स्टिक के लिए अनुरोध किया। जब अरुण को इसके बारे में पता चला, तो वह खुशी-खुशी उसे सौंपने के लिए तैयार हो गए। इस स्टिक को अब झांसी में एक स्पोर्ट्स म्यूजियम में रखा जाएगा, जो वर्तमान में निमार्णाधीन है।"

मेरठ के एक खेल स्टेडियम में हॉकी कोच भूपेश कुमार ने कहा कि संग्रहालय में मेजर ध्यानचंद की हॉकी स्टिक बहुत सारे युवाओं को खेल के लिए प्रेरित करेगी। इस अवसर पर झांसी में एक खेल प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।

आईएएनएस/भाषा
मेरठ/नई दिल्ली


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