एशियार्इ खेल में गूंजेगा ’जय हो...’
एशियाई खेलों के समापन समारोह में ‘जय हो-’ की धुन सुनने का भी मौका मिलेगा।
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चीन के ग्वांग्झू शहर में हो रहे एशियाई खेलों के समापन समारोह में दर्शकों को बॉलीवुड की ऑस्कर पुस्कार विजेता फिल्म ‘स्लमडाग मिलैनियर’ के मशहूर गाने ‘जय हो-’ की धुन सुनने का भी मौका मिलेगा। इसके लिए लखनऊ के युवा कलाकार और गायक रवि के त्रिपाठी को खास तौर आमंत्रित किया गया है।
रवि त्रिपाठी को ग्वांग्झू में हो रहे एशियाई खेलों की आयोजन समिति ने 27 नवम्बर को होने वाले समापन समारोह में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया है। एशिया के इस सबसे बड़े खेल मेले में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर पाने वाले त्रिपाठी देश के एकमात्र कलाकार हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक रवि ने बचपन से ही गायकी का अभ्यास शुरू कर दिया था। रवि के अनुसार मैं जब चार साल का था, तभी से गाना सीखने लगा था और लखनऊ के भातखण्डे संगीत महाविद्यालय से संगीत और गायकी का विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त किया जिसे अब ‘डीम्ड विश्वविद्यालय’ का दर्जा प्राप्त है।
उन्होंने बताया कि भातखण्डे संगीत महाविद्यालय से अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद वह मुंबई चले गए, जहाँ फिल्मी दुनिया के प्रतिष्ठित गायक सुरेश वाडकर के मार्गदर्शन में पिछले 10 वर्ष से अपनी गायकी के अभ्यास को आगे बढ़ा रहे हैं। वह डॉक्टर बनना चाहते थे और एमबीबीएस में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी कर रहे थे।
रवि ने बताया कि अपनी गायन कला को मांजने के लिए मुंबई जाने का निर्णय मेरे लिए एक कठिन निर्णय था, क्योंकि मुझे मेडिकल की पढ़ाई तथा संगीत के प्रति अपने अनुराग के बीच किसी एक का चयन करना था।
उन्होंने बताया कि गायकी में उनकी करियर की शुरुआत ‘इंडियन आइडियल’ की दूसरी पारी से हुई और वह ‘चाँदनी चौक टू चाइना’ फिल्म में अक्षय कुमार के लिए पार्श्वगीत भी गा चुके हैं।
रवि ने बताया कि मैं अब तक रामायण, शिर्डी के साई बाबा, समंदर जैसे कई टीवी सीरियलों के गाने गा चुका हूँ। गायन के क्षेत्र में अब तक की अपनी प्रगति से संतुष्ट दिखे रवि ने कहा कि मगर एशिया के सबसे बड़े खेल मेले के समापन समारोह में 50 हजार से अधिक दर्शकों के सम्मुख अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मेरे लिए सचमुच अनूठा है, जिससे मेरे परिवार, रिश्तेदार और परिचित भी खुश हैं।
उन्होंने बताया कि चीन सरकार ने अपने कई बड़े शहरों में 15 कार्यक्रम प्रस्तुत करने का ऑफर दिया था और वह अब तक वहाँ 50 कार्यक्रम कर चुके हैं। रवि ने बताया कि चीन के साथ हमारी संस्कृति में कोई खास मेल भले न हो, मगर यह देखकर आश्चर्य और खुशी का ठिकाना नहीं रहा कि वहाँ हिन्दी सिनेमा जगत में अपने समय के दिग्गज अभिनेता रहे राजकपूर आज भी आम चर्चा का विषय हैं और उनकी फिल्म आवारा की गूँज कहीं न कहीं आप के कानों में पड़ जाती है।
युवा गायक ने बताया कि एशियाई खेलों के समापन समारोह में ‘‘जय हो-’’ के अलावा वह संगीतकार हेनरी की धुन पर एक चीनी गीत भी गायेंगे जिसके लिए उन्होंने बाकायदा चीनी भाषा और उसका शुद्ध उच्चारण सीखा है और निरंतर उसका अभ्यास कर रहे हैं।
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