Uttarkashi tunnel collapse: सिलक्यारा सुरंग में जिंदगी की जंग जारी, सुरक्षित निकालने की कोशिशें तेज

Last Updated 20 Nov 2023 07:18:03 AM IST

सिलक्यारा सुरंग (Silkyara tunnel accident) के एक हिस्से के ढहने के आठवें दिन रविवार को उसमें फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की कवायद में तेजी आई है। बीआरओ सुरंग के ऊपर से ‘लंबवत ड्रिलिंग’ शुरू करने के लिए रास्ता बनाने में जुटा है।


Uttarkashi tunnel collapse: सुरंग में जिंदगी की जंग जारी, सुरक्षित निकालने की कोशिशें तेज

‘लंबवत ड्रिलिंग’ के विकल्प पर शनिवार शाम से काम शुरू किया गया।  मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि बीआरओ द्वारा बनाया जा रहा रास्ता दोपहर तक तैयार हो जाएगा जिससे सुरंग के ऊपर चिह्नित ¨बदु तक मशीनें पहुंचाने के बाद ‘लंबवत ड्रिलिंग‘ शुरू की जा सके।

मौके पर पहुंचे प्रधानमंत्री कार्यालय के कई अधिकारी और  देश-विदेश के विशेषज्ञ फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाले जाने के लिए चलाए जा रहे बचाव कायरें की निगरानी के लिए सिलक्यारा में डटे हुए हैं।  शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे सहित वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने पांच योजनाओं पर एक साथ काम करने का निर्णय लिया था।

खुल्बे ने संवाददाताओं को बताया कि इन पांच योजनाओं में सुरंग के सिलक्यारा और बड़कोट, दोनों छोरों से ड्रिलिंग करने के अलावा सुरंग के ऊपर से लंबवत ड्रिलिंग और सुरंग के बाए और दाएं से ड्रिलिंग करना शामिल है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था और तब से 41 श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं।

खुल्बे ने कहा कि ठोस प्रयासों से चार-पांच दिन में या उससे भी पहले अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम, सतलुज जल विद्युत निगम, टीएचडीसी इंडिया और रेल विकास निगम लिमिटेड में से प्रत्येक को एक-एक विकल्प पर काम करने का जिम्मा सौंपा गया है।

अवसादरोधी दवाएं और मल्टीविटामिन भी भेजा जा रहा है फंसे श्रमिकों को

सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने रविवार को कहा कि सरकार उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सुरंग के ढहने के बाद उसमें पिछले सात दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी दवाओं के साथ ही सूखे मेवे भेज रही है।  जैन ने कहा, ‘सौभाग्य से, अंदर रोशनी है क्योंकि बिजली चालू है। वहां एक पाइपलाइन है और इसलिए पानी उपलब्ध है। चार इंच की एक पाइप है, जिसका उपयोग ‘कंप्रेशन’ (दबाव) के लिए किया गया था। उसके माध्यम से, हम पहले दिन से खाद्य सामग्री भेज रहे हैं।’

फंसे श्रमिकों को बाहर निकालना सबसे बड़ी प्राथमिकता: गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है और उन्हें जल्द बाहर निकालना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मौके पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विषम हिमालयी परिस्थितियों को देखते हुए बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यहां मिट्टी का स्तर एक समान नहीं है और यह मुलायम और कठोर दोनों है। मौके पर बचाव कायरें की समीक्षा करने के बाद गडकरी ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अमेरिकी आगर मशीन से मलबे में क्षैतिज ड्रिलिंग करके सुरंग में जल्दी पहुंचने का तरीका है।

समयलाइव डेस्क
उत्तरकाशी


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