भारत चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट लिपुलेख मार्ग पर ग्लेशियर टूटा, मार्ग खोलने में लग सकते है 2 दिन
उत्तराखंड (Uttarakhand) के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में एक बार फिर भारी बर्फबारी (heavy snowfall) के कारण ग्लेशियर (glacier) टूटने लगे हैं।
भारत चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट लिपुलेख मार्ग पर ग्लेशियर टूटा |
भारत चीन सीमा (india china border) को जोड़ने वाली तवाघाट लिपुलेख मार्ग (Tawaghat Lipulekh Marg) पर छियालेख (Chhiyalekh) के पास ग्लेशियर टूटा है। छियालेख के पास ही खंगला नाला है। इसी नाले पर ग्लेशियर टूटा है। खंगला नाले में अक्सर ग्लेशियर से आने वाला पानी बहता रहता है। यह मार्ग कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) का रूट भी है। बताया जा रहा है कि मार्ग खोलने में दो दिन लग सकते हैं। दूसरी ओर पिथौरागढ़ (Pithoragarh) के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी है।
पिथौरागढ़ आपदा अधिकारी भूपेंद्र सिंह महर (Pithoragarh Disaster Officer Bhupendra Singh Mahar) ने बताया कि अभी भी मार्ग बंद है। मार्ग को खोलने के लिए बीआरओ की टीम लगी हुई है। सड़क खुलने में एक दो दिन का समय लग सकता है।
आपको बता दें कि, तवाघाट लिपुलेख मोटर मार्ग (धारचूला से गुंजी को जाने वाले मार्ग) पर छियालेख के पास एक नाला है। जिसमें हमेशा ग्लेशियर से आने वाला पानी बहता रहता है। बीते दिन हुई बर्फबारी से इसी नाले से ग्लेशियर की बर्फ टूट कर सड़क तक आ पहुंची है। जिसके बाद छियालेख के पास सड़क बंद हो गई है। गनीमत रही कि जिस समय ग्लेशियर से बर्फ टूट कर सड़क पर पहुंची, उस समय वहां पर कोई भी वाहन नहीं गुजर रहा था।
वहीं, सड़क बंद होने से सभी वाहन वापस लौट चुके हैं। वर्तमान में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात हो रहा है। गुंजी, नाबी, रोंकांग, नपलच्यु, गब्व्र्यांग और छियालेख में आधा फीट से ज्यादा हिमपात होने के सूचना है। इसके अलावा दारमा, मुनस्यारी की जोहार घाटी, मिलम समेत अनेक जगहों पर भी बर्फबारी हो रही है। मुनस्यारी में बीती रात से ही बारिश और ओलावृष्टि होने से तापमान में गिरावट आ गई है।
उधर, उच्च हिमालयी व्यास घाटी में कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग छियालेख से लिपुलेख तक बर्फ से पटा है। नाभीढांग, कालापानी में भी करीब एक फीट के आसपास हिमपात हुआ है। ऊंची पहाड़ियों में हुए हिमपात से पिथौरागढ़, अल्मोड़ा आदि जिले के तापमान में गिरावट आ चुकी है।
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