उत्तराखंड के रैणी व तपोवन क्षेत्र में लापता लोगों की तलाश के लिए आपरेशन अभी भी जारी है। चमोली जिले में रविवार को आई आपदा के पांचवे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन जारी है।
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गुरुवार तड़के एनटीपीसी की तपोवन जल विद्युत परियोजना की सुरंग के भीतर फंसे 25-35 लोगों को बचाने के लिए बचाव कर्मियों ने अंदर की ओर ड्रिलिंग करना शुरू कर दिया है, जिसे बचाव अभियान की एक नई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा, "हम फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के अपने प्रयासों में टनल में खुदाई और ड्रिलिंग दोनों काम कर रहे हैं।"
जब से सुरंग के भीतर खुदाई और ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ है, तब से बचावकर्मी सुरंग के अंदर तक जाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे हैं, जो कि रविवार सुबह आए जलप्रलय के हादसे के बाद ब्लॉक हो चुका है।
सुरंग के अंदर का हाल जानने के लिए बचाव दल ने रिमोट सेंसिंग तकनीक की भी मदद ली है।
डीआईजी एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने कहा, "हमने अपने ऑपरेशन में आपदाग्रस्त सुरंग के भौगोलिक मानचित्रण का भी उपयोग किया है।"
मंगलवार को बचाव कार्य उस वक्त धीमा पड़ गया, जब उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा प्रभावित तपोवन पनबिजली परियोजना की एक सुरंग के भीतर से भारी गाद निकलने लगी थी। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि फंसे हुए लोगों की जान बचाने के लिए सभी संभावनाएं टटोली जाएंगी।
हालांकि फिलहाल तक अंदर फंसे हुए लोगों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है।
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