इमामी का आयुष परियोजना से हटने का फैसला

Last Updated 25 Aug 2013 04:50:50 PM IST

उत्तराखंड में आयुष कार्यक्रम को बढ़ावा देने के प्रयासों को झटका लगा है.


इमामी

कोलकाता की कंपनी ‘इमामी लिमिटेड’ ने कथित कानूनी, राजनीतिक और अफसरशाही अड़चनों के चलते सार्वजनिक निजी सहभागिता वाली इस परियोजना से हटने का फैसला किया है.

एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘हमें इमामी लिमिटेड ने एक पत्र लिखकर सूचित किया है कि वह आयुष परियोजना से हटना चाहती है.’

अधिकारी ने हालांकि, कहा कि इस बारे में अंतिम फैसले के लिये सरकार द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जायेगी.

इमामी लिमिटेड ने तीन साल पहले अगस्त, 2010 में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में भवाली में 10 एकड़ जमीन पर एक आयुष ग्राम विकसित करने के लिये राज्य सरकार के साथ एक समझौता किया था.

इमामी को जिस जमीन पर आयुष ग्राम विकसित करना था, वह प्रसिद्ध भवाली सैनेटोरियम की है जहां एक जमाने में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू अपनी बीमारी के दौरान रही थीं.

तीन साल तक परियोजना में कोई प्रगति न होने के बाद भवाली में आयुष ग्राम के लिये प्राप्त भूमि के संबंध में नैनीताल उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल होने से इमामी की चिंतायें बढ़ गयी हैं.

दूसरी तरफ, प्रदेश के स्वास्थ्य और आयुष मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी भी इस परियोजना को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं दिखायी दे रहे हैं. इस संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार भवाली आयुष परियोजना के निकट ही दानदाताओं की मदद से एक नया अस्पताल बनाने के बारे में विचार कर रही है.

राज्य सरकार की योजना प्रदेश के सभी 13 जिलों में एक-एक आयुष ग्राम बनाने की है और भवाली आयुष ग्राम को निजी निवेश आकर्षित करने की द्रष्टि से एक मॉडल परियोजना माना जा रहा था. आयुष ग्राम में एक अस्पताल, एक वेलनेस सेंटर, एक होटल, एक हर्बल गार्डन,एक योग केंद्र, एक दवा निर्माण इकाई, एक फार्मेसी और अन्य सुविधायें शामिल हैं.

इमामी के साथ हुए समझौते में राज्य सरकार ने कंपनी को भवाली सैनेटोरियम की 10 एकड़ जमीन एक आयुष ग्राम विकसित करने के लिये दी थी.

समझौते के अनुसार, इमामी को भवाली में कम से कम 60 बिस्तरों की सुविधा वाला एक अस्पताल बनाना था और परियोजना में 2.5 करोड़ रुपये के अपफ्रंट पेमेंट के साथ कंपनी की सरकार के साथ राजस्व में भागीदारी 6.33 फीसदी निश्चित की गयी थी.

आयुष ग्राम में सभी पांच तरह की वैकल्पिक इलाज पद्धतियां -- आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी-- की सुविधा होती है.

इस बारे में संपर्क किये जाने पर आयुष विभाग के निदेशक डीके शर्मा ने इमामी से संबंधित ताजा घटनाक्र म की पुष्टि की और कहा कि इमामी ने सरकार से पूर्व में भुगतान की गयी 2.5 करोड़ रुपये के शुरुआती भुगतान को ब्याज सहित वापस मांगा है.

शर्मा ने कहा, ‘इमामी के आयुष पीपीपी परियाजना से हटने का फैसला फिलहाल सरकार के पास लंबित है.’


 



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