बसपा प्रमुख मायावती का आरोप- मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में सौतेला रवैया न्यायसंगत नहीं

Last Updated 04 Mar 2025 12:08:19 PM IST

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दोनों ही सरकारों पर मुस्लिमों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।


उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के साथ धार्मिक मामलों में सौतेला व्यवहार न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया 'एक्स' हैंडल पर दो पोस्ट भी किए।

अपने पहले पोस्ट में उन्होंने लिखा, “भारत सभी धर्मों को सम्मान देने वाला धर्मनिरपेक्ष देश है।”

उन्होंने आगे लिखा, “ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों को बिना पक्षपात के सभी धर्मों को मानने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए, किन्तु अब मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में भी जो सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है, यह न्यायसंगत नहीं।”

उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में कहा, "साथ ही, सभी धर्मों के पर्व-त्योहारों आदि को लेकर पाबंदियां व छूट से संबंधित जो नियम-कानून हैं, उन्हें बिना पक्षपात एक जैसा लागू होना चाहिए, जो ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है।"

उन्होंने कहा कि इससे समाज में शांति व आपसी सौहार्द बिगड़ना स्वाभाविक है, जो अति-चिंतनीय है। सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।



मायावती ने इससे पहले तीन मार्च को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया था। इसकी जानकारी मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी थी।

उन्होंने कहा था कि आकाश आनंद को, उनके ससुर की तरह, पार्टी और मूवमेंट के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है। एक दिन पहले ही रविवार को मायावती ने आकाश को नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सारे पदों से हटाया था।

मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा था, ''बीएसपी की ऑल इंडिया की बैठक में रविवार को आकाश आनंद को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चाताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन, इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लंबी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है, वह उसके पछतावे और राजनीतिक मैच्योरिटी का नहीं, बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह, मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दंडित भी करती रही हूं।''

बसपा प्रमुख मायावती ने आगे लिखा था, ''अतः परमपूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेंट के हित में तथा मान्यवर कांशीराम जी की अनुशासन की परंपरा को निभाते हुए आकाश आनंद को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व मूवमेंट के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।''

इससे पहले मायावती ने रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश सहित ऑल इंडिया के सभी छोटे-बड़े पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को सभी पद से हटाया था।

आईएएनएस
लखनऊ


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment