UP police exam paper leak case में नया खुलासा, पकड़े गए आरोपियों का कनेक्शन एयरफोर्स के बर्खास्त कर्मचारी से
UP police exam paper leak case : उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने जिन दो आरोपियों को मथुरा से मंगलवार को गिरफ्तार किया, उनकी कड़ी एयरफोर्स से निकाले गए कर्मचारी से जुड़ी हुई है।
UP police exam paper leak case में नया खुलासा |
कुछ दिन पहले ही एसटीएफ ने एयरफोर्स से बर्खास्त कर्मचारी प्रमोद पाठक को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को एसटीएफ की टीम ने 25,000 के ईनामी अपराधी मोनू पंडित व एक अन्य को गिरफ्तार किया।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा 17 एवं 18 फरवरी, 2024 को आयोजित उ.प्र. आरक्षी पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में अपराधी मोनू पंडित समेत 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ लखनऊ को प्रश्न पत्र लीक कराने वाले गिरोहों के सम्बन्ध में सूचनाएं मिल रही थी। इसी क्रम में राजकुमार मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक, फील्ड यूनिट नोएडा की अगुवाई में 5 मार्च को अभियुक्त प्रमोद पाठक को गिरफ्तार किया गया था, जिससे महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।
इसके आधार पर मंगलवार को अपराधी मोनू पंडित को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त मोनू पंड़ित ने पूछताछ में बताया कि वह बाजना इंटर कालेज मथुरा में पढ़ता था, इसी कालेज में प्रमोद पाठक भी पढ़ता था। उसी दौरान उसकी मित्रता प्रमोद पाठक से हो गयी, इसके बाद वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए मुखर्जी नगर, दिल्ली के कोचिंग में आ गया था और इसी कोचिंग में इसकी (मोनू पंडित) मुलाकात मोनू गुर्जर (जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पैसा लेकर अभ्यार्थियों को पास कराने का गैग चलाता था) से हो गयी।
अभियुक्त मोनू पंडित ने एमटीएस की परीक्षा में पास करने के लिए मोनू गुर्जर से सम्पर्क किया था। इसके बाद मोनू पंडित ने मोनू गुर्जर के साथ मिलकर ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में स्क्रीन शेयरिंग के माध्यम से धांधली करने का काम करना शुरू कर दिया।
इसके अलावा, मोनू पंडित द्वारा ऑफलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक कराकर अभ्यार्थियों को इकट्ठा कर उनसे पैसा लेकर उनको पेपर पढ़वाने का काम भी करने लगा। इसी दौरान अभियुक्त मोनू पंडित के मित्र प्रमोद पाठक ने भारतीय वायुसेना में नौकरी करते हुए वर्ष 2017 में अलीगढ में आर्मी एवं सेना में भर्ती के लिए फिजिकल की ट्रेनिंग कराने के लिए पीडीएम ट्रेनिंग सेन्टर खोला था और मोनू पंडित द्वारा प्रमोद पाठक के साथ मिलकर वायुसेना, नेवी, कोस्ट गार्ड, दिल्ली पुलिस, एसएससी, जीडी, सीएसआईआर एवं उत्तर प्रदेश की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली कराने के गैंग का संचालन किया जा रहा था।
वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित की गयी कम्प्यूटर ऑपरेटर की भर्ती परीक्षा में अभियुक्त मोनू पंडित द्वारा बुलन्दशहर एवं वाराणसी के सारनाथ स्थित एमएल इंस्ट्रीटयूट के माध्यम से स्क्रीन शेयरिंग कर परीक्षा में धांधली करने का काम किया गया था। इस दौरान अभियुक्त मोनू पंडित के मामा का लड़का अतुल अपने सहयोगियों के साथ बुलन्दशहर में प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने के आरोप में पकड़ा गया था।
उल्लेखनीय है कि अभियुक्त मोनू पंडित एवं गौरव कुमार नोएडा के थाना सेक्टर 39 के एक मामले में भी वांछित चल रहे थे, जिसमें दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त गौरव कुमार उर्फ गौरव चौधरी ने पूछताछ में बताया कि जब वह वर्ष 2015 में एसएससी की परीक्षा दे रहा था, उसी दौरान वह आगरा के श्यामवीर बाबा नाम के व्यक्ति के संपर्क में आया, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यार्थियों को भर्ती कराने का गैंग चलाता था। इसके बाद अभियुक्त गौरव कुमार उर्फ गौरव चौधरी भी अभ्यर्थियों से पैसा लेकर उनको भर्ती कराने के लिए श्यामवीर बाबा के पास लाने लगा।
वर्ष 2019 में अभियुक्त गौरव कुमार उर्फ गौरव चौधरी ने सहस्त्रधारा रोड जनपद देहरादून में ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए अपना एक जीएस सेन्टर बनाया था और वर्ष 2019 में ही उसके सेन्टर पर काम करवाने के लिए मोनू गुर्जर आया था, तभी से ही मोनू गुर्जर के माध्यम से अभियुक्त गौरव कुमार उर्फ गौरव चौधरी, आशीष पालीवाल एवं मोनू पंडित के संपर्क में आया और फिर इन लोगों के साथ मिलकर अभियुक्त गौरव कुमार उर्फ गौरव चौधरी भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली कर भर्ती कराने का गैंग चलाने लगा।
गिरफ्तार किये गए दोनों अभियुक्तों से की गयी पूछताछ में यह बात सामने आई है कि उत्तर प्रदेश भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा दिनांक 17 एवं 18 फरवरी, 2024 को आयोजित कराई गयी आरक्षी पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले ही अभियुक्त मोनू पंडित एवं गौरव को प्राप्त हो गया था, जिसमें इनके गैंग के द्वारा कुछ अभ्यार्थियों से पैसा लेकर उनको गोपनीय तरीके से पेपर को पढ़वाया गया था, इस सम्बन्ध में गहनता से छानबीन की जा रही है।
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