पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को बांग्लादेश में इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन्हें जेल भेजने के विरोध में एक विरोध रैली निकाली। इस दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चिन्मय कृष्ण दास के पोस्टर हाथों में लेकर उनकी रिहाई के लिए नारेबाजी की।
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पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सभी भाजपा विधायकों को लेकर रवींद्र सदन से कोलकाता स्थित बांग्लादेश के उप उच्चायोग के कार्यालय तक गए। इसके बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के संबंध में एक प्रतिनिधिमंडल सौंपा।
इस बीच भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक मंत्री ने भारत के खिलाफ बहुत घिनौने शब्दों इस्तेमाल किए हैं। बांग्लादेश में एक समुदाय का शासन चल रहा है। जमात की विचारधारा में शासन चल रहा है। सब को लेकर शासन नहीं चल रहा है।
वहीं भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हम बुधवार को बांग्लादेश हाई कमीशन के सामने आए हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार का हम विरोध कर रहे हैं। यह अत्याचार बंद होना चाहिए।
इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी जल्द रिहाई की जानी चाहिए। हिंदू भाई बहनों के ऊपर जो लगातार अत्याचार हो रहा वह बंद होना चाहिए। कल हमने देखा है हिंदुओं का घर, ऑफिस और उनका बिजनेस सब जला दिया गया है।
हमारे मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया है। हमारे भगवान को खत्म कर दिया गया है। हम लोग यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि चिन्मय कृष्ण दास को या हमारे बांग्लादेश के हिंदुओं को कुछ हो गया तो पश्चिम बंगाल के हिंदू आग जला देंगे। हम लोग चुप नहीं बैठेंगे। हम लोग सोमवार को बॉर्डर पर जाएंगे, वहां पर हमारा आंदोलन होगा।
इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को मारा जा रहा है उनका घर जलाया जा रहा है और मुख्यमंत्री चुप हैं।
बता दें कि भारत ने मंगलवार को बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और चटगांव में पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और बाद में उन्हें जमानत न दिए जाने पर 'गहरी चिंता' व्यक्त की है। दास को सोमवार को हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) ने हिरासत में लिया था। दास शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते रहे थे।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दास को 31 अक्टूबर को दर्ज एक मामले के संबंध में कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के सामने मंगलवार को पेश किया गया। उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई और उन्हें जेल भेज दिया गया।
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