बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविदास जयंती पर दी बधाई, बोलीं- राजनीतिक स्वार्थ के लिए माथा टेकने वालों से रहें सावधान
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को रविदास जयंती पर बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनको माथा टेकने वालों से सावधानी जरूरी है।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो) |
मायावती ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि संत रविदास का संदेश ‘कर्म’ के माध्यम से मानवता और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण का था।
उन्होंने कहा कि संत रविदास के संदेश को भुला दिया गया है। उनका संदेश संकीर्ण राजनीतिक और चुनावी हितों के लिए नहीं बल्कि मानवता और सार्वजनिक सेवा के लिए था।
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप, यहां के बहुजनों का जीवन समस्याओं से भरा हुआ है।’’
मायावती ने कहा, ‘‘ऐसे लोगों से सावधान रहना जरूरी है जो राजनीतिक लाभ के लिए उनके सामने झुकते हैं।’’
2. उनका संदेश अपने कर्म से धर्म को, संकीर्ण राजनीतिक एवं चुनावी स्वार्थ आदि के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत व जनसेवा के लिए समर्पन का है, जिसे भुला दिये जाने के कारण बहुजनों का जीवन यहाँ अनेकों समस्याओं से त्रस्त। राजनीतिक स्वार्थ हेतु उनको माथा टेकने वालों से सावधानी जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) February 24, 2024
मायावती के इस बयान से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी गुट ‘इंडिया’ पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि इसके सदस्य जाति के नाम पर लोगों को भड़काने और लड़ाने में विश्वास रखते हैं।
प्रधानमंत्री ने संत रविदास की 647वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली सीर गोवर्धन में शुक्रवार को भव्य प्रतिमा का अनावरण किया था।
इस मौके पर मोदी ने संत रविदास के एक दोहे का जिक्र किया और उसकी व्याख्या करते हुए कहा था ‘‘ज्यादातर लोग जात-पात के फेर में उलझे रहते हैं, उलझाते रहते हैं, जात-पात का यही रोग मानवता का नुकसान करता है।’’
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