Asia का दूसरा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा Airport होगा Jewar : Yamuna Authority CEO

Last Updated 04 Aug 2023 04:28:20 PM IST

उत्तर प्रदेश के शो-विंडो गौतमबुद्ध नगर में तीन अथॉरिटी पूरे जिले का संचालन करती हैं। इनमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी शामिल हैं।


एशिया का दूसरा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा जेवर

जेवर एयरपोर्ट के बनने की घोषणा से लेकर यमुना अथॉरिटी पूरी तरीके से अपने अस्तित्व में आई। उसके बाद लगातार यमुना अथॉरिटी सुर्खियों में बनी हुई है। चाहे देशी हो या विदेशी, हर उद्योगपति, हर बड़ा आदमी, जेवर एयरपोर्ट के पास मकान, दुकान, इंडस्ट्री लेना चाहता है। यमुना अथॉरिटी के घाटे से लेकर मुनाफे तक के सफर के बारे में आईएएनएस से सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने खास बातचीत की।

प्रश्न : जेवर एयरपोर्ट से विमान की उड़ान कब तक शुरू होगी, कोई डेडलाइन तैयार की गई है ?

उत्तर : कंसेशन एग्रीमेंट एक विधिक डॉक्यूमेंट है, जो दोनों पक्षों पर लागू होता है डेवलपर पर भी और सरकार पर भी। उसके मुताबिक 1 अक्टूबर 2024 से पहले एयरपोर्ट का संचालन शुरू होना है। कमर्शियल फ्लाइट भी और कार्गो फ्लाइट्स भी, इस डेट से पहले शुरू करनी है। 1 अक्टूबर अपर लिमिट है और उससे पहले ही संचालन को शुरू करना है। इसीलिए फरवरी अंतिम और मार्च के प्रथम सप्ताह से ही टेस्ट फ्लाइट शुरू हो जाएगी। इसमें 6 महीने लगते हैं। क्योंकि डीजीसीए के नॉर्म्स हैं कि कितनी कार्गो उड़ानें होनी चाहिए, कितनी कमर्शियल उड़ानें होनी चाहिए। इसके मुताबिक ही उन नॉर्म्स को पूरा किया जाता है, इसीलिए 6 महीने का वक्त लगभग लग जाता है। टेस्टफ्लाइट के सफल रन के बाद यह भी हो सकता है कि अगस्त या सितंबर में भी उड़ानें शुरू हो सकती हैं, क्योंकि 1 अक्टूबर सबसे अपर लिमिट दी गई है।

प्रश्न : हाल फिलहाल में एविएशन मिनिस्ट्री से एयरपोर्ट की सुरक्षा-व्यवस्था और अन्य सुविधाओं के लिए कोई मीटिंग हुई है?

उत्तर : इसके लिए भारत सरकार से एक (जेसीसी) जॉइंट कोआर्डिनेशन कमेटी बनी हुई है। जो हर एयरपोर्ट के निर्माण पर हर क्वार्टर में चीफ सेक्रेट्री लेवल पर एक मीटिंग करती है। इस जेसीसी में जितनी भी एजेंसियां इंवॉल्व हैं, चाहे वह सुरक्षा एजेंसियां हो, कस्टम विभाग हो, एनिमल हसबेंडरी हो, प्लांट क्वॉरंटाइन हो या एनिमल क्वॉरंटाइन हो, सभी विभाग का आपस में कोआर्डिनेशन होता है और लगातार इनकी बैठक होती रहती हैं। इन सभी विभागों को जितनी भी जमीन की रिक्वायरमेंट है, वह सभी इनको एलॉट कर दी गई है। किसी तरीके की कोई भी पेंडेंसी बची नहीं है।

प्रश्न : जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी और ट्रांसपोर्ट मोड पर क्या-क्या काम हो रहे हैं?

उत्तर : कंसेशन एग्रीमेंट के मुताबिक हमें दो तरीके की कनेक्टिविटी जेवर एयरपोर्ट से देनी है। एक कनेक्टिविटी हमें देनी है एयरपोर्ट से एक्सप्रेस-वे पर 750 मीटर और दूसरा वहां पर चार इंटरचेंज बनाए जाने हैं। यह कंसेशन एग्रीमेंट में दिया हुआ है। यह काम ऑलरेडी चल रहा है और एनएचआई द्वारा एफकॉन कंपनी को यह काम दिया गया है, जो इस काम को अंजाम दे रही है। बात अगर ट्रांसपोर्ट की करें तो उसका जिक्र कंसेशन एग्रीमेंट में नहीं है। लेकिन, हम लोग अपने यहां जेवर एयरपोर्ट के लिए यहां पर लगने वाली इंडस्ट्रीज के लिए यहां बसने वाले लोगों के लिए कई अलग-अलग ट्रांसपोर्ट के माध्यम को लेकर आ रहे हैं। लेकिन, उसका कनेक्शन और डेड लाइन जेवर एयरपोर्ट के कंस्ट्रक्शन से नहीं जुड़ी है। ट्रांसपोर्ट के मोड में हम बल्लभगढ़ से लेकर जेवर एयरपोर्ट तक एक नया ग्रीन फील्ड बना रहे हैं। 31 किलोमीटर बनने वाले इस नए ग्रीन फील्ड के लिए भूमि अधिग्रहण हो चुकी है। दोनों तरफ से काम शुरू हो चुका है। यूपी और हरियाणा दोनों तरफ से काम लगातार जारी है। यह ग्रीन फील्ड मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा। इसके साथ ही एक हाई स्पीड रैपिड ट्रेन को भी सराय काले खा से जेवर तक जोड़ने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। पॉड टैक्सी की ग्लोबल बिड निकाली गई है। जिस पर काम चल रहा है। हमारे अथॉरिटी क्षेत्र में 30 मी रोड, जो अभी सेक्टर 28 तक बनी हुई है। उसे भी जेवर टोल प्लाजा तक बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है।

प्रश्न : 55 गांव को यमुना अथॉरिटी में शामिल किया गया है, उनके लिए क्या कार्य योजना है, कैसे विकास किया जाएगा?

उत्तर : खुर्जा विकास प्राधिकरण और बुलंदशहर विकास प्राधिकरण के 55 गांव जो बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में पड़ते थे, वह नोटिफाई किए गए हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, जो बैर से चोला तक के बीच बन रही है, उसके बीच में यह 55 गांव थे जो नोटिफाई हुए हैं। इनके विकास की रूपरेखा तैयार हो रही है। मास्टर प्लान 2041 के तहत और यहां पर वेयरहाउस और लॉजिस्टिक अभी बनाया जाएगा। इन्हें रेल लाइन से जोड़ा जाएगा। साथ ही साथ एक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे भी बनाया जाएगा। वहां पर कुछ इंडस्ट्रियल प्लांट्स लाने के लिए इंडस्ट्रियल सेक्टर भी बनाए जाएंगे, जो मास्टर प्लान आने के बाद तय होंगे।

प्रश्न : अब तक देश और विदेश के किन बड़े नाम और कंपनियों ने यहां पर जमीन के लिए अप्लाई किया है और आने की इच्छुक हैं?

उत्तर : देश और विदेश की कई बड़ी कंपनियां लगातार यमुना प्राधिकरण में जमीन और इंडस्ट्री लगाने के लिए आवेदन दे रही हैं। मेडिकल डाटा पार्क में कई विदेशी कंपनियां ऑलरेडी आ चुकी हैं। सिफी डाटा पार्क बनाया जा रहा है। फॉर्च्यून 500 की बहुत सारी कंपनियां हैं, जो यहां पर आना चाहती हैं। मित्सुबिसी ऑयल, टाटा सेट्स, स्मिथ, सैमसन, सीमेंस समेत कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां यहां पर अपना आवेदन दे चुकी हैं और कईयों को जमीन अलॉट भी हो चुकी है। जापान की बहुत सारी कंपनियां हैं, जो यहां पर इन्वेस्टमेंट करना चाह रही हैं। उनके लिए भी अलॉटमेंट का काम लगातार चल रहा है।

प्रश्न : फॉर्मूला वन और मोटो जीपी जैसे आयोजन को किस तरीके से देखते हैं, क्या भविष्य होने वाला है ?

उत्तर : मोटर बाइक रेसिंग और कार रेसिंग का बहुत बड़ा सेक्टर है। वर्ल्डवाइड और बहुत बड़ा स्कोर भी है। इकॉनमी में भी यह बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। दुनिया के 66 देशों में यह रेसिंग होती है और एक बार भारत में फॉर्मूला वन की रेसिंग होने के बाद हमें यह मौका दोबारा नहीं मिला था। मोटोजीपी के साथ 7 साल का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है। अगले 7 सालों तक मोटोजीपी का आयोजन यहां होता रहेगा। यमुना अथॉरिटी के क्षेत्र में फॉर्मूला वन का ट्रैक होने से आने वाले समय में फॉर्मूला वन का भी आयोजन हो सकेगा। इस ट्रैक को इस तरीके से कन्वर्ट किया गया है कि यहां पर कार रेसिंग और बाइक रेसिंग दोनों हो सकेंगी। यह अपने आप में बड़ी बात है क्योंकि दुनिया का यह पांचवा ऐसा ट्रैक होगा, जिसमें यह दोनों फैसिलिटी मौजूद है।

प्रश्न : इतनी इंडस्ट्रीज लग रही है, इतना विकास हो रहा है, रोजगार कितना मिलेगा, लोगों को इसका कुछ आंकड़ा बताएं ?

उत्तर : इंडस्ट्री का और इंफ्रास्ट्रक्चर का रोजगार से सीधा रिश्ता होता है। इंडस्ट्री आ रही है। रोजगार भी जरूर होगा। क्योंकि एयरपोर्ट का मल्टीप्लेयर इफेक्ट इकॉनमी पर सात गुना होता है। एयरपोर्ट में डायरेक्ट एंप्लॉयमेंट की बात करें तो 50,000 के लगभग एंप्लॉयमेंट और इनडायरेक्ट एंप्लॉयमेंट लगभग डेढ़ से दो लाख होगा। जो इंडस्ट्रीज लग रही है, उसमें लगभग 5.50 लाख लोगों के रोजगार की रूपरेखा तैयार हुई है। अभी यहां पर 6 इंडस्ट्री चल रही है, 69 ने अपने पेपर अप्रूव करा लिए हैं और उम्मीद की जा रही है कि 31 दिसंबर तक हम यहां से इंडस्ट्रीज को फंक्शन करा देंगे। आने वाले समय में तीन साल के अंदर करीब 5 से 6 लाख लोगों को रोजगार मिलने की पूरी प्रबल संभावनाएं हैं।

प्रश्न : यमुना अथॉरिटी कब प्रॉफिट में आई और अब कितना फायदा सरकार को और अथॉरिटी को मिल रहा है?

उत्तर : जेवर एयरपोर्ट के आने से पहले ही 2016 में यमुना अथॉरिटी प्रॉफिट में आ चुकी थी। 2015 में यह अथॉरिटी लॉस में चल रही थी। 2016 से हर साल लगातार इसका प्रॉफिट बढ़ रहा है। पिछले साल यह अथॉरिटी 406 करोड़ के प्रॉफिट में थी। जेवर एयरपोर्ट की घोषणा के बाद न सिर्फ यमुना अथॉरिटी को बल्कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा दोनों अथॉरिटी को इसका फायदा मिला है। हिंदुस्तान का सबसे बड़ा, एशिया का दूसरा सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट यहां बन रहा है, तो इसका फायदा आसपास के कई जिलों को मिल रहा है। इस एयरपोर्ट के आने से यमुना अथॉरिटी ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश को फायदा मिल रहा है। हरियाणा को, राजस्थान को, सबको इसके आने से भरपूर फायदा मिलेगा।

आईएएनएस
ग्रेटर नोएडा


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