UP Nikay Chunav 2023: ‘BSP की रणनीति से उड़ी सांप्रदायिक पार्टियों की नींद’, मायावती बोलीं...
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी द्वारा नगर निगम चुनावों में मुस्लिम समाज को उचित भागीदारी दिए जाने के कारण ‘‘जातिवादी एवं साम्प्रदायिक’’ दलों की नींद उड़ी हुई है।
बसपा अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो) |
उत्तर प्रदेश में चार मई और 11 मई को नगर निकाय चुनाव होने हैं और मतगणना 13 मई को की जाएगी।
बसपा प्रमुख ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के तहत 17 नगर निगमों में महापौर पद के लिए हो रहे चुनाव में बसपा द्वारा मुस्लिम समाज को भी उचित भागीदारी देने को लेकर यहां राजनीति काफी गरमाई हुई है और इससे खासकर जातिवादी एवं साम्प्रदायिक दलों की नींद उड़ी हुई है।’’
मायावती ने कहा, ‘‘बसपा ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ की नीति व सिद्धांत पर चलने वाली आंबेडकरवादी पार्टी है तथा इसने इसी आधार पर उत्तर प्रदेश में चार बार अपनी सरकार चलाई। इसने मुस्लिम एवं अन्य समाज को भी हमेशा उचित प्रतिनिधित्व दिया। अतः मैं लोगों से विरोधियों के षड्यंत्र के बजाय अपने हित पर ध्यान केंद्रित करने की अपील करती हूं।’’
2. बीएसपी ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ की नीति व सिद्धान्त पर चलने वाली अम्बेडकरवादी पार्टी है तथा उसी आधार पर यूपी में चार बार अपनी सरकार चलाई। मुस्लिम व अन्य समाज को भी हमेशा उचित प्रतिनिधित्व दिया। अतः लोगों से अपने हित पर ज्यादा व विरोधियों के षडयंत्र पर ध्यान न देने अपील।
— Mayawati (@Mayawati) April 30, 2023
गौरतलब है कि बसपा ने दो चरणों में होने वाले नगर निकाय चुनावों में महापौर के पदों के लिए 64 फीसद से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर न केवल राज्य की करीब 20 फीसद मुस्लिम आबादी को साधने की कोशिश की है, बल्कि समाजवादी पार्टी (सपा) के परंपरागत वोट बैंक में बिखराव की संभावना भी बढ़ा दी है।
राजनीतिक जानकार इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मुसलमानों के बीच पैठ बनाने की बसपा की एक रणनीति मान रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि इससे सपा के परम्परागत मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लग सकती है। वहीं, सपा और कांग्रेस ने इसे वोट काटने की रणनीति करार दिया है।
बसपा ने लखनऊ, मथुरा, फिरोजाबाद, सहारनपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद, मेरठ, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़ और बरेली नगर निगमों में महापौर पद के लिए मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए हैं। वहीं, सपा और कांग्रेस ने सिर्फ चार-चार मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। भाजपा ने महापौर की किसी भी सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है।
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