यूपी में बढ़ती जा रही है अयोग्य सांसद व विधायकों की सूची, अफजल की विदाई भी तय

Last Updated 30 Apr 2023 10:49:10 AM IST

यूपी की गाजीपुर की अदालत द्वारा गैंगस्टर्स एक्ट मामले में 4 साल की सजा सुनाए जाने के बाद बसपा सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा से अयोग्यता अब लगभग मानी जा रही है।


अफजाल अंसारी (फाइल फोटो)

अब ऐसा माना जा रही है कि उत्तर प्रदेश सांसदों व विधायकों के अयोग्यता के मामले में रिकॉर्ड स्थापित कर लेगा।

बता दें कि इससे पहले सितंबर 2013 में, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रहे राशिद मसूद ने भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी राज्यसभा सीट खोनी पडी थी। राशिद मसूद यूपी के पहले सासंद थे जिन्होंने अपनी संसद सदस्यता खो दी थी।

सदस्यता रद्द होने का क्या है प्रावधान

सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार, सांसद/विधायक की सदस्यता उस समय रद्द कर दी जाती है, जब वह सांसद किसी मामले में दोषी ठहराया जाता है और उसे दो या दो साल से अधिक की सजा सुना दी जाती है।

वर्तमान में  बसपा सांसद अफजाल अंसारी हैं, जिनकी सदस्यता अब खोने जा रही है।

बता दें कि अफजल ने  गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र  में 2 019 के लोकसभा चुनाव में  जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को हराया था।

बता दें कि शनिवार को अंसारी को गाजीपुर की एक अदालत ने गैंगस्टर्स एक्ट के तहत एक मामले में दोषी ठहराया और 4 साल की जेल की सजा सुना दी।

यूपी में अयोग्यता का सामना करने वाले यूपी के विधायकों में सपा के पूर्व विधायक मोहम्मद आजम खान (रामपुर) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (स्वार) शामिल हैं।

सपा के पूर्व विधायक मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) और अब्दुल्ला आजम (Abdul Azam) को इस साल फरवरी में अभद्र भाषा, प्रदर्शन करने और यातायात बाधित करने से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

यूपी विधानसभा (UP Assembly) से दो बार अयोग्य हो चुके हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा विधानसभा के लिए उनके चुनाव को रद्द करने के बाद उन्हें पहले 2020 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उनकी पिछली अयोग्यता 16 दिसंबर, 2019 से प्रभावी थी।

भाजपा विधायक विक्रम सैनी (Vikram Saini) (खतौली-मुजफ्फरनगर) ने हाल ही में इसी आधार पर अपनी सदस्यता खो दी थी।

दिसंबर 2021 में, गोसाईंगंज (Gosainganj) (अयोध्या) के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने 29 साल पुराने फर्जी मार्कशीट मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी सदस्यता खो दी थी।

दिसंबर 2019 में, बांगरमऊ (Bangarmau) (उन्नाव) से 'निष्कासित' बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली की सत्र अदालत द्वारा बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

दिल्ली की अदालत ने चार बार के विधायक सेंगर को उम्रकैद की सजा का फैसला सुनाया था।

उन पर 2017 में अपने गांव माखी (Makhi) में एक लड़की के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया था।

अप्रैल 2019 में, हमीरपुर (Hamirpur)  के भाजपा विधायक, अशोक सिंह चंदेल (Ashok Singh Chandel) ने हमीरपुर जिला अदालत द्वारा 1997 के एक हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अपनी विधानसभा सदस्यता खो दी थी और इस फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। वह फिलहाल जेल में है।

 

 

समयलाइवडेस्क/आईएएनएस
लखनऊ


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