कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे अखिलेश यादव, बसपा के दलित वोटबैंक पर करेंगे हमला

Last Updated 03 Apr 2023 01:39:08 PM IST

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 3 अप्रैल को रायबरेली में एक समारोह में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 3 अप्रैल को रायबरेली में एक समारोह में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए दलित वोट बैंक का समीकरण बनाते दिख रहे हैं।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बसपा आज अपने संस्थापक कांशीराम और बाबासाहेब अम्बेडकर के दिखाए रास्ते से भटक गई है।बसपा संस्थापक कांशीराम और के सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ हुए 1993 के गठबंधन को याद करते हुए मौर्य ने कहा कि कांशीराम और मुलायम सिंह यादव के अनुयायियों को राष्ट्र निर्माण के लिए एक बार फिर हाथ मिलाने की तत्काल आवश्यकता है। जिसे दोनों नेताओं ने पहली बार 1993 में साझा किया था।

खबरों के मुताबिक सपा इस प्रयास मे है कि कम से कम एक दर्जन लोकसभा क्षेत्रों में ओबीसी-दलित गठजोड़ अपनी संख्या के बल पर गेम चेंजर बने।

राजनीतिक गलियारों में इस कदम को 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ खड़े गैर-जाटव दलितों को अपने पक्ष में करने और बसपा के जाटव वोट आधार में सेंध लगाने की सपा की नवीनतम रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

पार्टी की इस रणनीति का व्यापक ढांचा हाल ही में गठित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में भी देखा गया, जहां समिति में 62 सदस्य जिसमें लगभग 35 प्रतिशत गैर-यादव ओबीसी समुदायों से थे, विशेष रूप से पासी, कुर्मी, राजभर और निषाद जैसे चुनावी प्रभावशाली समुदायों से थे।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सूची में कुल छह सदस्य दलित थे।

इसके अलावा, अखिलेश अयोध्या के विधायक अवधेश प्रसाद को पार्टी के दलित चेहरे के रूप में प्रचारित कर रहे हैं।

नौ बार के विधायक न केवल राज्य विधानसभा में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बगल वाली सीट साझा करते हैं, बल्कि हाल ही में कोलकाता में पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान यादव के साथ मंच साझा करते हुए भी देखे गए।

अखिलेश ने पार्टी में मिल्कीपुर विधायक के बढ़ते कद को रेखांकित करने के लिए कोलकाता जाने वाली फ्लाइट में अवधेश प्रसाद और शिवपाल यादव के साथ एक सेल्फी भी ट्वीट की।

सपा में उनके बढ़ते कद को अखिलेश द्वारा यह संदेश देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी दलितों को विशेष दर्जा देने को तैयार है।

2021 में अंबेडकर जयंती पर बाबासाहेब वाहिनी का गठन करने वाली सपा अब पार्टी के भीतर संगठन को मजबूत करने की योजना बना रही है।

वाहिनी को सभी जिलों में अंबेडकर जयंती भव्य तरीके से मनाने को कहा गया है।


 

 

समय लाइव डेस्क/ आईएएनएस
नई दिल्ली


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