लखीमपुर खीरी हिंसा: भाजपा सांसद वरुण गांधी बोले- वीडियो किसी को भी झखझोर देगा, तुरंत गिरफ्तारी हो
उत्तर प्रदेश से भाजपा के लोकसभा सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है। वरुण गांधी ने लखीमपुर हिंसा का वीडियो शेयर करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है
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भाजपा सांसद ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा से जुड़े एक वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का वीडियो किसी की भी आत्मा को झकझोर देगा।
वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी को यह वीडियो टैग करके पुलिस से दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है।
वरुण गांधी ने ट्वीट किया, लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झकझोर देगा। पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों, और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे।
लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झखझोर देगा।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 5, 2021
पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों, और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे।
#LakhimpurKheri@dgpup pic.twitter.com/YmDZhUZ9xq
लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या का आरोप लगाते हुए वरुण गांधी ने सोमवार को भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाने का अनुरोध किया था।
सीएम योगी को लिखे पत्र में वरुण ने घटना में शामिल लोगों की पहचान कर उन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की थी।
कांग्रेस ने लखीमपुर खीरी में वाहनों से किसानों को रौंदने वाला वीडियो क्लिप पोस्ट किया
कांग्रेस ने रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की एक वीडियो पोस्ट की है। वीडियो कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सोमवार की रात 11.33 बजे पोस्ट किया गया था।
कांग्रेस ने दावा किया कि वीडियो लखीमपुर खीरी में हुई घटना का था। हालांकि, पुलिस ने वीडियो पर टिप्पणी नहीं की।
वीडियो में एक किसान सफेद शर्ट और हरी पगड़ी पहने हुए दिखाई दे रहा है जो एक जीप के बोनट पर उतरते हुए साफ देखा जा रहा है, जब अन्य लोग खुद को बचाने के लिए कूद रहे हैं।
जीप के आगे बढ़ने पर एक ब्लैक एसयूवी दिखती है जिसके आगे कम से कम आधा दर्जन लोग सड़क के किनारे पड़े हुए देखे जा सकते हैं क्योंकि दोनों गाड़ियां आगे बढ़ रही हैं।
इस घटना के बाद टिकुनिया गांव में चार किसानों और एक पत्रकार समेत नौ व्यक्तियों की मौत हुई थी। किसानों ने हिंसा के लिए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा को दोषी ठहराया है।
घटना के संबंध में आशीष मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि, आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि वह किसी भी वाहनों में मौजूद नहीं था जो घटना के समय काफिले का हिस्सा थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को घोषित किया कि एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश घटना की जांच करेंगे।
राज्य सरकार ने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के मुआवजे के रूप में 45 लाख रुपये की भी घोषणा की है।
लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर देश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। किसानों की मौत से जुड़ा मामला होने के कारण यह काफी संवेदनशील हो गया है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी , बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी समेत तमाम विरोधी दल इसे लेकर राज्य की योगी सरकार और भाजपा पर लगातार निशाना साध रहे हैं। हालांकि भाजपा यह आरोप लगा रही है कि लखीमपुर हिंसा एक बड़ी साजिश का हिस्सा है और किसान आंदोलन में हिंसक तत्व घुस आए हैं। आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने तो इस घटना के लिए वामपंथी और नक्सली ताकतों को जिम्मेदार बता दिया है।
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