यूपी की लड़कियां खुशी-खुशी सीखेंगी विज्ञान, सरकार ने शुरू किया कार्यक्रम

Last Updated 03 Oct 2021 03:36:33 PM IST

यूपी में सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए स्कूलों की आवासीय श्रृंखला कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में नामांकित लड़कियां अब खेल, कहानियों और 'क्यूरियोसिटी बॉक्स' के माध्यम से विज्ञान सीखेंगी।


यूपी की लड़कियां खुशी-खुशी सीखेंगी विज्ञान, सरकार ने शुरू किया कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गांधीनगर के साथ मिलकर 'प्रयोगात्मक तरीके से विज्ञान पढ़ाने के लिए जिज्ञासा कार्यक्रम' शुरू किया है।

इसका उद्देश्य 746 केजीबीवी में नामांकित 79,000 लड़कियों को एक विषय के रूप में विज्ञान में कुशल बनाना है।

सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, अईआईटी-गांधीनगर की एक टीम 50 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार करेगी, जो विज्ञान को पढ़ाने के लिए एक अनुभवात्मक तरीके से तैयार किए गए हैं, जिसमें दिलचस्प खिलौनों, गतिविधियों, कहानियों और असाइनमेंट का उपयोग करना शामिल है।

प्रत्येक मॉड्यूल कक्षा 6 से 8 तक की विज्ञान पुस्तकों के विभिन्न विषयों को कवर करने वाला 5 से 15 मिनट का वीडियो है।



वीडियो किसी गतिविधि को करने के तरीके और उसके पीछे के विज्ञान का वर्णन करते हैं।

कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग जिज्ञासा पेटी है, जिसे प्रत्येक स्कूल को प्रदान किया जाना है।

इन बक्सों में ऐसी सामग्री होती है जो शिक्षकों को एक तल्लीन अनुभव के लिए आवश्यक छात्रों के साथ गतिविधि का संचालन करने में सक्षम बनाती है। यह छात्रों को अपने दम पर गतिविधियों को करने में भी मदद करेगा।

सर्व शिक्षा अभियान की अतिरिक्त परियोजना निदेशक सरिता तिवारी ने कहा कि एक धारणा है कि विज्ञान लड़कियों का विषय नहीं है। हमने इसे एक चुनौती के रूप में लेने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य कक्षाओं को अधिक आकर्षक बनाना, अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करना, रचनात्मकता को बढ़ावा देना, नवाचार को बढ़ावा देना और अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित करना है।

छात्र एक नोटबुक रखेंगे जिसमें वे प्रत्येक गतिविधि, अपने अवलोकन, वैज्ञानिक समझ और प्रश्नों के लिए अपने अनुभवों को लिखेंगे। उन्हें अवधारणा के बारे में सोचने के लिए प्रत्येक मॉड्यूल में दिलचस्प कार्य भी दिए जाएंगे।

सभी 746 केजीबीवी के शिक्षकों को सप्ताह में तीन बार ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इसके अलावा छह माह के कार्यक्रम के बाद आईआईटी-गांधीनगर में मास्टर ट्रेनर्स की आवासीय कार्यशाला होगी। अगले साल की शुरूआत में शारीरिक कार्यशालाएं भी होंगी।

आईएएनएस
लखनऊ


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