यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में 2 कंपनियां लगाएंगी गोला-बारूद इकाइयां

Last Updated 08 Sep 2021 06:06:09 PM IST

उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर में न केवल ड्रोन और मिसाइल बनाने वाली बड़ी कंपनियां होंगी, बल्कि सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले असॉल्ट व स्नाइपर राइफल्स, पॉलिमर फ्रेम पिस्तौल और सीक्यूबी कार्बाइन जैसे हथियारों के लिए कारतूस और अन्य सुरक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियां भी होंगी।


यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में 2 कंपनियां लगाएंगी गोला-बारूद इकाइयां

डेल्टा कॉम्बैट सिस्टम्स लिमिटेड (डेल्टा) और वेरीविन डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड नाम की दो कंपनियां छोटे हथियारों के निर्माण के लिए अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए डिफेंस कॉरिडोर के झांसी नोड में 215 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं।

डेल्टा कॉम्बैट सिस्टम्स लिमिटेड को 150 करोड़ रुपये की लागत से अपना संयंत्र स्थापित करने के लिए 15 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है।

यह असॉल्ट, स्नाइपर और इंसास राइफल्स के साथ-साथ सीक्यूबी कार्बाइन और सशस्त्र बलों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे अन्य हथियारों के लिए कारतूस का निर्माण करेगा।

सीक्यूबी कार्बाइन बहुत प्रभावी हैं, क्योंकि वे 200 मीटर की सीमा के भीतर एक लक्ष्य को भेद सकते हैं, जबकि एके-47 की तर्ज पर बनी इंसास राइफल का इस्तेमाल कारगिल युद्ध के दौरान बड़े पैमाने पर किया गया था।



सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, राज्य सरकार ने ब्रह्मोस मिसाइल और ड्रोन बनाने के लिए कंपनियों को क्रमश: डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ और अलीगढ़ नोड में भूमि आवंटित की है। निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2018 में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान यूपी में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी।

इसके बाद, यूपी सरकार ने लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, झांसी, आगरा और अलीगढ़ जिलों को कवर करते हुए कॉरिडोर स्थापित करने का निर्णय लिया।

फरवरी, 2020 में लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो के दौरान रक्षा उत्पादों का निर्माण करने वाली घरेलू और विदेशी कंपनियों के साथ 50,000 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे।

अधिकारियों के अनुसार, 29 कंपनियों ने अलीगढ़ नोड में अपने कारखाने स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे, जिनमें से 19 फर्मो को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 55.40 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है।

कंपनियां 1,245.75 करोड़ रुपये की लागत से अपने संयंत्र लगा रही हैं।

इसी तरह, 11, 6 और 8 कंपनियों ने क्रमश: लखनऊ, झांसी और कानपुर नोड में अपने कारखाने स्थापित करने के लिए अपने प्रस्ताव पेश किए थे।

गलियारे के अलीगढ़ नोड में कारखाने स्थापित करने वाली सबसे प्रमुख कंपनियां एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड और एनकोर रिसर्च एलएलपी हैं, जो सबसे परिष्कृत ड्रोन बना रही हैं। कंपनियां अपने प्लांट लगाने के लिए 550 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं।

आईएएनएस
लखनऊ


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