कोरोना मरीजों को तत्काल भर्ती करें अस्पताल : योगी

Last Updated 25 Apr 2021 02:40:37 PM IST

वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिये उत्तर प्रदेश में आक्सीजन और रेमडिसीवर समेत अन्य दवाओं के पर्याप्त भंडार का दावा करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड मरीजों के उपचार में सरकारी और निजी अस्पतालों को कोई कोताही नहीं बरतनी है। कोरोना मरीजों के इलाज का खर्च सरकार नियमानुसार वहन करेगी।




उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

श्री योगी ने रविवार को टीम 11 के साथ कोरोना प्रबंधन की समीक्षा करते हुये कहा कि पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 35,614 नए कोविड संक्रमित केस आए हैं, जबकि 25,633 लोग उपचारित होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस प्रकार प्रदेश में अब तक 7.77 लाख से अधिक लोग अब तक कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। यह सुखद स्थिति ‘दवाई भी-कड़ाई भी’ के सूा को प्रभावी ढंग से अमल में लाने का परिणाम है।
उन्होने कहा कि डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में स्थापित कराए जा रहा सर्वसुविधायुक्त कोविड हॉस्पिटल अति शीघ क्रियाशील हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग सम्बंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर डीआरडीओ को सभी आवश्यक संसाधन मुहैया कराए। इन अस्पतालों के संचालन से प्रदेश के चिकित्सा संसाधन और सुदृढ़ होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी निजी अथवा सरकारी अस्पताल किसी भी कोविड मरीज के उपचार से इनकार नहीं कर सकता। नियमानुसार सरकार इनके उपचार का खर्च वहन करेगी, लेकिन मरीज को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आए लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाए।
उन्होने कहा कि आईआईटी कानपुर, आआइएम लखनऊ और आईआईटी बीएचयू के सहयोग से ऑक्सीजन की ऑडिट कराने की कार्यवाही कराई जाए। इसी प्रकार, लखनऊ के एकेटीयू, गोरखपुर में एमएमएमयूटी, कानपुर में एचबीटीयू और प्रयागराज में एमएनआईटी से संपर्क स्थापित कर ऑक्सीजन ऑडिट कार्य में सहयोग लिया जाए। इन संस्थानों को इनके समीपस्थ अलग-अलग जिले आवंटित कर ऑडिट कराया जाए। ऑक्सीजन मांग-आपूर्ति-वितरण की लाइव ट्रैकिंग कराने की व्यवस्था लागू हो गई है। इसे प्रभावी बनाया जाए।
श्री योगी ने कहा कि यह युद्धस्तर पर किए गए प्रयासों का ही नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तरह हाहाकार की स्थिति नहीं है। ऑक्सीजन आपूर्ति सामान्य है। केन्द्र सरकार ने प्रदेश का आवंटन बढ़ाया है। इसकी आपूर्ति यथाशीघ प्रदेश में कराई जाए।ऑक्सीजन एक्सप्रेस जैसे अभिनव सहयोग से बड़ा लाभ हुआ है। ऑक्सीजन एयरलिफ्ट भी कराई जा रही है। निजी हो या सरकारी, किसी कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का अभाव नहीं है।
उन्होने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या बढ़ाये जाने की जरूरत है। परिवहन विभाग इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करे। इसके अलावा, टैंकरों की आपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार से भी सहयोग प्राप्त किया जाए। प्रदेश के 100 बेड से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए। यह शासन की शीर्ष प्राथमिकता का कार्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के नि:शुल्क टीकाकरण का निर्णय लेने वाला पहला राज्य उत्तर प्रदेश है। एक मई से प्रारंभ हो रहे इस वृहद टीकाकरण अभियान के संबंध में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं। उन्होने कहा कि 50-50 लाख डोज का ऑर्डर दोनों स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनियों को भेज दिया गया है। इसके अतिरिक्त केन्द्र सरकार द्वारा वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराई जाएगी। इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। वैक्सीन वेस्टेज न हो, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करें।
श्री योगी के निर्देश पर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में रेमडिसीविर की बड़ी खेप भेजी गयी है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे कमाशोर वर्ग के लोगों और हरारूरतमंद को रेमडिसीवर उपलब्ध कराई जाए। उन्होने कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है, अस्पताल पूरी तन्मयता से इलाज करें।
उन्होने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच हमारे चिकित्सा वैज्ञानिक दवाओं के नवीन विकल्पों की खोज में भी संलग्न हैं। हाल ही में जायडस कैडिला कम्पनी की एक नई दवा को केन्द्र सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने कोविड मरीजों के उपयोगार्थ स्वीकृति दी है। इसे लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी जिलों के लिए उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जरूरतममंद प्रदेशवासी को मास्क, ग्लव्स व सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है। कोविड की पिछली लहर में महिला स्वयं सहायता समूहों ने इस दिशा में सराहनीय कार्य किया था। इस बार भी इनका सहयोग प्राप्त करें। यह स्वयं सहायता समूहों के स्वावलम्बन की दृष्टि से भी उपयोगी होगा, और पर्याप्त मास्क की उपलब्धता भी होगी। मास्क न लगाने वालों जिन लोगों का चालान किया जाए, उन्हें मास्क भी जरूर दें। इसके अलावा गरीब असहाय परिवारों को नि:शुल्क मास्क उपलब्ध कराया जाए। इस संबंध में कार्यवाही तत्काल प्रारम्भ कर दिया जाए।
श्री योगी ने कहा कि बीते तीन से चार दिनों के भीतर प्रदेश के विभिन्न जिलों में साढ़े 14 हजार से अधिक बेड बढ़ाये गए हैं। इससे कोविड मरीजों के इलाज में और सुविधा प्राप्त हुई है। इसे और विस्तार किए जाने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग इस दिशा में नवीन विकल्पों को तलाशें और बेड में बढ़ोतरी सुनिश्चित कराएं।
प्रदेश में एक भी मरीज को बेड का अभाव नहीं होगा। सभी जिलों में इस संबंध में आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। अगर सरकारी अस्पताल में बेड रिक्त नहीं हैं तो निजी चिकित्सालय में इलाज की सुविधा मिले। सरकार नियमानुसार उसका भुगतान करेगी। हर दिन की स्थिति के अनुरूप अतिरिक्त व्यवस्था भी कराई जाए। बेड के अभाव में इलाज से वंचित एक भी मरीज की पीड़ा असय है। ऐसी घटनाओं पर संबंधित जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।
उन्होने कहा कि टेस्ट हो या ट्रीटमेंट, राज्य सरकार ने सभी के लिए शुल्क की दरें तय कर दी हैं। समस्त जिला प्रशासन निर्धारित दरों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। किसी भी अस्पताल से यदि अधिक शुल्क लेने की शिकायत मिली तो उनके विरुद्ध महामारी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई होनी तय है।
आमजन को बेड की उपलब्धता की समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। प्रदेश में ऐसे सभी हॉस्पिटल जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, वहां  दिन में दो बार अस्पताल में रिक्त बेड का विवरण सार्वजनिक किया जाए। यह विवरण जिले के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के पोर्टल पर भी अपलोड कराया जाए। बेड का आवंटन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए। सभी जिला प्रशासन इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कराएं।

वार्ता
लखनऊ


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