ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में अवैध फ्लैट बेचने के आरोपी की याचिका खारिज
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के शाहबेरी गांव की कृषि भूमि पर बिल्डर्स कंपनी की मिली भगत से अवैध रूप से बहुमंजिली इमारत तैयार कर फ्लैट बेचने की धोखाधड़ी के आरोपी भू-स्वामी वतन गौड को राहत देने से इंकार कर दिया है और अधीनस्थ न्यायालय की कार्यवाही को वैध करार देते हुए याचिका खारिज कर दी है।
ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में अवैध फ्लैट |
न्यायालय ने कहा कि यदि तथ्यों व साक्ष्यो से प्रथमदृष्टया अपराध बन रहा हो तो अदालत अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकती। याची ने यह जानते हुए कि इमारत अवैध रूप से बनी है और बिल्डर से मिलकर फ्लैट बेचा है। ऐसे में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। हिन्दी में लिखे फैसले में यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने दिया।
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा के सहायक प्रबंधक वर्क सर्किल डी पी श्रीवास्तव ने बिसरख थाने मे मेसर्स एक्टिव इक्विपमेन्ट प्रा लि कंपनी के खिलाफ बिना नक्शा पास कराये खतरनाक स्थिति मे बहुमंजिली इमारत तैयार कर फ्लैट बेचने का आरोप लगाते हुए एफआईआरदर्ज करायी थी। धोखाधडी व लोक संपत्ति क्षति निवारण एक्ट के तहत पुलिस ने याची व दीपक कुमार त्यागी, दिव्यांका होम्स प्रा लि कंपनी सहित अन्य सह अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
ग्रेटर नोएडा की अधिवक्ता का कहना था कि शाहबेरी गांव को अधिसूचित किया गया है। ऐसे में कृषि भूमि को आबादी की भूमि बताकर बिना नक्शा पास कराये बहुमंजिली इमारत बना ली गयी है जो खतरनाक स्थिति मे है। जानमाल के नुकसान की संभावना है। गैर कानूनी फ्लैटों का बेईमानी से बैनामा कराया गया है। जो अक्षम्य अपराध है।
इस पर न्यायालय ने अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करने से इन्कार कर दिया और याचिका खारिज कर दी है।
याचिका में अधीनस्थ न्यायालय की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गयी थी।
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