भाजपा ने स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की 9 सीटों में से 6 पर जीत हासिल की है। इन सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। लखनऊ में 80 घंटे से ज्यादा समय तक चली मैराथन गिनती के बाद एमएलसी कांति सिंह को स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में 6,403 मतों से हराकर भाजपा के अवनीश कुमार सिंह ने जीत दर्ज की। कांति सिंह का परिवार इस सीट पर 18 साल से काबिज था।
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वहीं मेरठ में एक अन्य स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में 24 साल से अपना वर्चस्व कायम रखने वाले मध्य प्रदेश सिख संगठन के हेम सिंह पुंडीर को 28,769 मतों से हराकर भाजपा उम्मीदवार दिनेश गोयल ने बड़े अंतर से जीत का परचम लहराया।
भाजपा ने लखनऊ, मेरठ और बरेली-मुरादाबाद की 6 शिक्षकों की सीटों में से 3 सीटें जीत ली हैं। यह पहली बार है जब भाजपा ने शिक्षकों के निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव लड़ा था और इसका जोरदार प्रदर्शन रहा। बल्कि इसके राज्य में 'शिक्षकों की राजनीति' को और प्रभावित करने की संभावना है।
4 स्नातक सीटों में से भाजपा आगरा और मेरठ से जीती, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने इलाहाबाद-झांसी और वाराणसी संभागों में जीत दर्ज की। सपा द्वारा जीती गईं स्नातक की ये दोनों सीटें पहले भाजपा के कब्जे में थीं। हालांकि भाजपा आगरा में जीती, जहां पहले सपा का उम्मीदवार चुना गया था। लखनऊ स्नातक सीट के परिणाम अभी नहीं आए हैं।
इन चुनावों में भाजपा की जीत ने पारिवारिक क्षत्रपों के दशकों पुराने वर्चस्व को समाप्त कर दिया है। हालांकि वाराणसी में सत्ताधारी दल को झटका लगा क्योंकि यहां 3 बार के विजेता रहे एमएलसी केदारनाथ सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के आशुतोष सिन्हा से चुनाव हार गए।
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