पूर्वांचल के मफिया और मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। लखनऊ के डालीबाग में बने मुख्तार अंसारी की दो इमारतों को प्राधिकरण के आदेश पर ढहा दिया गया है।
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इसके लिए एलडीए और पुलिस प्रशासन समेत 250 से अधिक पुलिसकर्मी और 20 से अधिक जेसीबी लगी रहीं। मौके पर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास और उमर अंसारी के टावर पर झड़प भी हो गई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ कर भगाया।
सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया, "यह दोनों बिल्डिंग पहले मुख्तार की मां के नाम थी। गलत तरीके से रजिस्ट्री कराई गई थी। मूलत: यह निष्क्रांत संपत्ति यानी 1956 से पहले पाकिस्तान गए लोगों की है। इसमें बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर इसे तोड़ने की कार्रवाई की गई है। प्रशासन बिल्डिंग के तोड़ने का खर्चा, अब तक का किराया भी वसूलेगी। इस निर्माण के लिए जिम्मेदार रहे तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।"
विधायक मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए गुरुवार सुबह 7 बजे टीम डालीबाग पहुंच गई। इस दौरान 20 से ज्यादा जेसीबी मशीनों को भवन को गिराने में लगाया गया है। सबसे पहले टीम ने दो टावर के मेन गेट का ताला तोड़कर उसको जमींदोज किया और वहां बने निर्माण से सामान निकाल कर पुलिस ने कार्रवाई की है। बताया जा रहा टावर के मकान में कोई रह नहीं रहा था। लेकिन कुछ सामान रखा था, जिसे टीम ने उठाकर घर के बाहर फेंक दिया। टावर किसका है? किसने बनवाया था? यह जानकारी अभी नहीं दी गई है।
एलडीए संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने 11 अगस्त को ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया था। यूपी पुलिस का शिकंजा मुख्तार गैंग पर कसता जा रहा है। पूर्वांचल से लखनऊ तक मुख्तार से जुड़े लोगों पर पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है।
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