19 को मंदिर निर्माण के तारीख की घोषणा संभव
‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली में होने जा रही है। ट्रस्ट में शामिल कई सदस्यों के नाम पर घमासान के बाद भी बैठक में नये सदस्यों की घोषणा के साथ ही राम मंदिर निर्माण के लिए तारीखों की घोषणा संभव है।
19 को मंदिर निर्माण के तारीख की घोषणा संभव |
संतों का दावा है कि राम नवमी (अप्रैल के पहले सप्ताह) से ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो गया है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ही लोकसभा में की थी। उन्होंने सदन को बताया था कि केंद्रीय कैबिनेट ने ट्रस्ट गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसी क्रम में अब ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली कार्यालय में बुलाई गई है। इस बैठक में जहां नये सदस्यों का चुनाव होगा, वहीं नवरात्रि से राम मंदिर निर्माण के लिए घोषणा किये जाने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर मसले पर ऐतिहासिक फैसले के दौरान सरकार को ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया था।
यहां बताना जरूरी है कि ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे। इसमें 9 सदस्य स्थायी और 6 सदस्य नामित होंगे। ट्रस्ट के गठन के बाद केंद्र सरकार की ओर से 1 रुपये का नकद दान भी मिल चुका है। केंद्र सरकार की ओर से यह दान ट्रस्ट को गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुमरू ने दिया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति सहित बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है। ट्रस्ट के गठित होने के बाद यह पहला पहला दान है। यह दान इसलिए दिया गया है ताकि ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की दिशा में आगे का काम शुरू कर सके।
सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता केशवन अय्यंगार परासरण ट्रस्ट में होंगे। ट्रस्ट में जगतगुरु माधवानंद स्वामी, जगतगुरु शंकराचार्य, युगपुरुष परमानंद जी महाराज का नाम भी सदस्यों में शामिल होगा। इसके अलावा पुणो के गोविंद देव गिरि, अयोध्या के डॉक्टर अनिल मिश्रा, कामेर चौपाल और निर्मोही अखाड़ा के धीरेंद्र दास का नाम भी शामिल है। शुरुआत में ट्रस्ट वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण के आवास से कार्य करेगा, लेकिन बाद में दिल्ली में इसका स्थायी पंजीकृत कार्यालय खोला जाएगा। इस ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर स्वतंत्र रूप से निर्णय करने के अधिकार होंगे।
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