सीएए : प्रदर्शनकारियों को बच्चों को घर भेजने का निर्देश
लखनऊ में क्लॉक टावर पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन करने के दौरान अपने बच्चों को भी प्रदर्शन स्थल पर लाने वाले प्रदर्शनकारियों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने नोटिस भेजा है।
सीएए : प्रदर्शनकारियों को बच्चों को घर भेजने का निर्देश |
बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने ऐसे अभिभावकों को निर्देश दिया है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन करने के दौरान अपने बच्चों को प्रदर्शन स्थल से तत्काल घर भेजें।
बाल कल्याण समिति की सदस्य संगीता शर्मा ने नोटिस में कहा, "विरोध प्रदर्शन स्थल पर अपने बच्चों को साथ लाने वाले प्रदर्शनकारियों को उन्हें घर भेजना होगा जिससे वे आम दिनचर्या के अनुसार जीवन जी सकें।"
सीडब्ल्यूसी के पांच सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित इस नोटिस को जारी किए जाने से एक सप्ताह पहले उत्तर प्रदेश राज्य आयोग ने बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा था। इसमें राज्यभर में प्रदर्शन स्थलों पर बच्चों को लाए जाने पर जुवेनाइल जस्टिस कानून के उल्लंघन का हवाला दिया गया है।
नोटिस में यह भी कहा गया है, "कुछ बच्चें जो वहां है, वह अपना स्कूल नहीं जा रहे हैं, भोजन भी नहीं कर रहे हैं। उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें घर ले जाना आवश्यक है, ताकि वे मानसिक रूप से तनावग्रस्त न हों।"
सीडब्ल्यूसी ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया, तो इसका उल्लंघन करने वालों को जुवेनाइल जस्टिस कानून की धारा 75 के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
इस धारा के तहत उल्लंघनकर्ताओं को सजा के तौर पर तीन साल की कैद या एक लाख रुपये जुर्माना या फिर दोनों ही दिया जा सकता है।
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