यूपी में डाक्टरों की हड़ताल से हाहाकार
पुलिस लाठीचार्ज व फायरिंग के विरोध में डाक्टरों की हड़ताल मंगलवार को और व्यापक हो गयी.
इलाहाबाद में धरने पर बैठे जूनियर डाक्टर्स. |
कानपुर सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कालेज के डाक्टर इसमें शामिल हो गये हैं जिससे हाहाकार मचा हुआ है. इलाज के अभाव कानपुर में चार मरीजों सहित प्रदेश भर में दो दर्जन मरीजों की मौत की खबर है. मरीज पलायन कर रहे हैं.
मामले को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है. उधर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन की अपील का डाक्टरों पर कोई असर नहीं हुआ है. देर शाम हड़ताली डाक्टरों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला. लेकिन मुख्यमंत्री का आश्वासन भी बेकार गया. वार्ता बेनतीजा रही.
आईएमए की राष्ट्रीय टीम भी मेडिकल कालेज के हड़ताली डाक्टरों से जुड़ गयी. आईआईटी के छात्रों और तमाम छात्र संगठनों ने भी डाक्टरों को समर्थन दिया है. यही नहीं मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पतालों की नसरे व कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गये हैं. इससे हड़ताली डाक्टरों के हौसले और बुलंद हैं. इसी बीच जमानत के बावजूद मेडिकल छात्र जेल में ही डटे हैं. उनका कहना है कि उनके खिलाफ मुकदमे वापस लिये जायें.
एडीएम सिटी ने मीडिया से कहा कि जूनियर डाक्टरों को जमानत दे दी गयी है लेकिन वह जेल से बाहर नहीं आ रहे हैं. जिला प्रशासन कोशिश कर रहा है कि जूनियर डाक्टर रिहाई करवा लें. उधर जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के डा. एन. के. सिंह ने मीडिया से कहा कि जब तक जूनियर डाक्टरों के खिलाफ लगे संगीन आपराधिक मामले हटाये नही जाते, हड़ताल जारी रहेगी. कानपुर में डाक्टरों, छात्रों, नसरे व कर्मचारियों ने रैली निकाल कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया.
स्वास्थ्य सेवायें ठप होने से मंगलवार को विभिन्न अस्पतालों में चार मरीजों ने दम तोड़ा. हैलट में बर्न वार्ड में भर्ती महिला चांदनी (26), फतेहपुर की महिला चांदनी (40), गोविन्द नगर निवासी भानमीत (80) की मौत हो गयी. वहीं अस्पताल में भर्ती न किये जाने पर मरियामपुर अस्पताल के गेट पर अनीता नाम की गर्भवती ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. अस्पतालों से मरीज पलायन कर रहे हैं. अस्पतालों में सन्नाटा पसरा है. आईएमए अध्यक्ष डा. आरती लालचंदानी ने बताया आईएमए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने पूरे देश में हड़ताल की घोषणा कर दी है.
तमाम राज्यों में स्वास्थ्य सेवायें ठप हो गयी है. दक्षिण के राज्यों में बुधवार से स्वास्थ्य सेवाये ठप हो जायेंगी. ज्ञात हो बीती 28 फरवरी रात सपा विधायक इरफान सोलंकी व जू. डाक्टरों में संघर्ष के बाद से कानपुर मेडिकल कालेज और उससे संबद्ध अस्पतालों के डाक्टर हड़ताल पर हैं. शासन, प्रशासन व पुलिस अधिकारी आईएमए की अध्यक्ष डा. आरती लालचंदानी और उनके पति डा. देवेन्द्र लालचंदानी के खिलाफ बर्रा और चमनगंज थाने में मुकदमे दर्ज कराकर दबाव बनाने का प्रयास किया. इसके बाद चमनगंज पुलिस ने डा. चंदानी के घर पर जाकर उन्हें धमकाया. इसके बाद तो डाक्टर और उत्तेजित हो गये. तबसे हड़ताल का दायरा बढ़ता ही ज रहा है.
लखनऊ से मिली जानकारी के अनुसार मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजे नोटिस में हड़ताल से मरे मरीजों की जानकारी देने का आदेश दिया है. लाला लाजपत राय कानपुर, केजीएमयू लखनऊ, बीआरडी गोरखपुर, आगरा, इलाहाबाद, इटावा, मेरठ, इलाहाबाद, बीएचयू, झांसी मेडिकल कालेज से संबंधित सभी अस्पतालों और निजी मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टर हड़ताल पर हैं.
मंगलवार से प्रदेश के एक मात्र सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कालेज लखनऊ के डाक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गये हैं. प्रदेश में पोस्टमार्टम और इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर सभी मेडिकल कालेजों में चिकित्सकीय सेवाएं ठप हैं. प्रदेशभर में लगभग दो दर्जन मरीजों के मरने की खबर है.
हड़ताल का सर्वाधिक असर कानपुर व लखनऊ में है. हालांकि प्रदेश के अधिकांश जिला अस्पतालों में ओपीडी और इमरजेंसी सेवाओं के चालू होने से मरीजों की भारी भीड़ जुट रही है लेकिन यह नाकाफी है. प्रांतीय चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डा. अशोक यादव ने मीडिया को बताया कि जूनियर डाक्टरों ने कानपुर में हुई घटना के विरोध में मेडिकल कालेज से जीपीओ पार्क तक जुलूस निकाला. उनकी मांग है कि आरोपित विधायक एवं पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाय और निदरेष डाक्टरों को बिना शर्त छोड़ा जाय.
डाक्टरों के समर्थन में आयी आप : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह और कुमार विश्वास डाक्टरों के हड़ताल का समर्थन करते हुए उनसे मिलने गये . इसके पूर्व सोमवार की रात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी भी कानपुर मेडिकल कालेज के हड़ताली जूनियर डाक्टरों से मिलने गये थे.
आगरा में 200 डाक्टरों का इस्तीफा : कानपुर से शुरू हुआ डाक्टरों का आंदोलन मंगलवार को अन्य जिलों में भी फैल गया. मंगलवार को आगरा मेडिकल कालेज के 200 जूनियर डाक्टरों ने प्रदेश सरकार को अपना इस्तीफा दिया. डाक्टर सुधीर धाकरे ने कहा, ‘जूनियर डाक्टरों की हड़ताल कानपुर डाक्टरों की तीन मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी.’
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