पहली बार कब और किसने महात्मा गाँधी को 'राष्ट्रपिता' कहा?
लखनऊ की छात्रा एश्वर्या ने 'सूचना के अधिकार' के तहत जानकारी मांगी कि पहली बार महात्मा गाँधी को 'राष्ट्रपिता' कब कहा गया..
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राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के प्रति पूरा राष्ट्र कृतज्ञता महसूस करता है.उनके बारे में जानने की जिज्ञासा सबके मन में रहती है. हममे से कुछ 'मोहनदास' से 'महात्मा' बनने के सफ़र को आश्चर्य से देखते हैं, तो कुछ उनके 'सत्य क़ि खोज ' को पढ़कर अपने जीवन क़ि राह तलाशते दिखाई पड़ते हैं.
पर गाँधी जी को पहली बार 'राष्ट्रपिता' कब और किसने कहा, क्या इस बात क़ि जानकारी का कोई तथ्य है आपके पास?
अगर हाँ तो हमे बताएं और ... अगर नहीं, तो ऐश्वर्या क़ि उस मुहिम में शामिल हों... बारह साल की ऐश्वर्या पराशर ने ' सूचना के अधिकार ' के तहत ये जानकारी मांगी है क़ि ' पहली बार गाँधी जी को राष्ट्रपिता कब और किसने कहा?'
लखनऊ की बारह साल क़ि छात्रा ऐश्वर्या पराशर ने ' सूचना के अधिकार ' के तहत सवाल उठाया है.
अपनी क्लास में गाँधी जी के बारे में पाठ पढ़ रही ऐश्वर्या को अचानक जिज्ञासा हुई क़ि महात्मा गाँधी क़ि 'राष्ट्रपिता' यानि 'father of nation' पहली बार कब और किसने कहा?
पहले शिक्षिका, फिर माता पिता और उसके बाद दोस्त रिश्तेदार भी जब जवाब न दे पाए तो ' इन्टरनेट' का सहारा लिया... खोज क़ि पर जानकारी नहीं मिली.
ऐश्वर्या ने RTI के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी भेजी और यही सवाल किया... प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस चिट्ठी को ' गृह मंत्रालय भेजा' ... और उसके बाद गृह मंत्रालय ने सभी प्रकार के रेकॉर्ड्स रखने वाले ' national archives of india' को यह पत्र भेजा.
... अंततः ऐश्वर्या के पास जवाब आया , ऐसी कोई जानकारी दर्ज नहीं...
वैसे तो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के बारे में ढेरो जानकारी मिलती है.. उनको प्यार से 'बापू' का संबोधन किया जाता है... उन्हें 'महात्मा' भी कहा जाता है- जानकारी मिलती है क़ि 1914 में पहली बार उन्हें महात्मा कहा गया.. कुछ साक्ष्य बताते हैं क़ि रविंद्रनाथ टगोर ने उन्हें महात्मा कह कर पुकारा था...
गौरतलब है क़ि ये जानकारी ज़रूर मिलती है क़ि जवाहरलाल नेहरु ने उन्हें ' राष्ट्रपिता' लिखा है... तो वहीँ नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 1944 में रंगून में दिए गए एक स्पीच का जिक्र आता है जिसमे उन्होंने गाँधी जी को राष्ट्रपिता संबोधन किया है...कहा जाता है क़ि यही पहली बार संबोधित किया गया.
...पर इस प्रमाण पर सरकारी रेकॉर्ड्स कुछ नहीं कहते. यानि सवाल फिर वहीँ रहा ...क़ि पहली बार कब और किसने कहा..
अब ऐश्वर्या चाहती है क़ि महानतम गाँधी को लिखित रूप में भी ये दर्ज़ा मिले.. और इसके लिए वो पत्र लिखकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को आग्रह करने क़ि तैयारी में है.
वहीं ऐश्वर्या को इस काम में मदद करने वाले उनके माता पिता भी कहते हैं क़ि राष्ट्रपिता सबके दिलो दिमाग में बसे हैं तो सरकारी कागजों में क्यों नहीं हों?
देश का इतिहास जहाँ कागजों के अलावा कही और सुनी जाने वाली तमाम बातों में भी होता है. हो सकता है क़ि इस सवाल का जवाब भी किसी के पास हो.. पर वो जवाब, वो जानकारी ऐश्वर्या के पास पहुंचे इसके लिए कोई पहल तो ज़रूरी है.
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