राजस्थान में नौवीं से बारहवीं कक्षाओं के लिए स्कूलों में पढ़ाई बुधवार को फिर शुरू हो गई। इन कक्षाओं के लिए सरकारी और निजी स्कूल चार महीने से भी अधिक समय तक बंद रहने के बाद बुधवार को फिर से खुल गए। राज्य के शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कटौती भी की है।
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पहले दिन छात्रों की उपस्थिति अधिक नहीं रही क्योंकि ऑनलाइन कक्षाएं भी एक साथ आयोजित की जा रही हैं। इस साल अप्रैल में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण स्कूल बंद कर दिए गए थे।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार एक बार में 50 प्रतिशत छात्रों की संख्या की अनुमति है और सभी व्यवस्थाएं कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार की जानी हैं।
स्कूल खुलने के पहले दिन अनेक विद्यार्थियों के साथ उनके अभिभावक भी पहुंचे और वहां बचाव व अन्य इंतजामों के बारे में भी पूछताछ की। अनेक छात्र छात्राएं स्कूल जाने से पहले मंदिरों में भगवान का आशीर्वाद लेने भी पहुंचे।
पोद्दार वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल सुमिता मिन्हास ने कहा,'“पहले दिन आने वाले छात्रों की संख्या अनुमेय संख्या से लगभग आधी है, लेकिन पहले दिन आने वाले छात्र हर्षित और उत्साहित हैं। हमने उनसे कहा है कि वे अति उत्साहित न हों और अपनी सुरक्षा व बचाव के लिए सभी मानदंडों और प्रोटोकॉल का पालन करें।'’ उन्होंने कहा कि अभिभावकों को सेनिटाइजेशन, बैठने की व्यवस्था और अन्य दिशा-निर्देशों के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था और माता-पिता से लिखित सहमति ली गई थी।
राजकीय माध्यमिक शाला-ठिकारिया, अजमेर रोड के संस्कृत शिक्षक हेमराज शर्मा ने बताया कि सारी तैयारियां पहले से कर ली गई थीं। उन्होंने कहा “हमें पहले ही कक्षा 9वीं और 10वीं के आधे से अधिक छात्रों के माता-पिता से लिखित सहमति मिल चुकी थी। सभी कक्षाओं को साफ कर दिया गया है और सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बैठने की व्यवस्था की गई है।
स्कूल की एक अन्य शिक्षिका शीतल कुमारी ने कहा कि ऑफलाइन कक्षाओं के अलावा ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी और छात्रों के लिए कक्षाओं में कुछ मिनट के लिए योग गतिविधियों की योजना बनाई गई है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग ने कक्षाएं फिर शुरू करने के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसके साथ ही विभाग ने राज्य के सभी विद्यालयों में पाठयक्रम में 30 प्रतिशत तक कटौती करने का फैसला किया है।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के अनुसार ‘‘पिछले तीन महीनों में कोरोना संक्रमण की वजह से विद्यालयों में कक्षाएं शुरू नहीं हो सकीं जिसके चलते छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई है इसी वजह से राज्य के सभी विद्यालयों में पाठयक्रम को 30 प्रतिशत कम करने का निर्णय किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसके साथ ही विभाग ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां की हैं और हमने अब हर महीने छात्रों का मूल्यांकन करने के लिये टेस्ट लेने का निर्णय लिया है। जिससे जब भविष्य में जब जरूरत पड़े तो छात्र की बुद्धि और क्षमता का मूल्यांकन का आधार निर्धारित हो सके।’’
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