Karnataka: शिवमोगा में CET परीक्षा अधिकारी पर FIR, परीक्षा केंद्र पर छात्रों से 'जनेऊ' उतरवाने का मामला

Last Updated 19 Apr 2025 11:28:19 AM IST

कर्नाटक के शिवमोगा में सीईटी परीक्षा केंद्र आदिचुंचनगिरि पीयू कॉलेज में छात्रों से परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने से पहले उन्हें 'जनिवार' (जनेऊ) उतारने के लिए कहने के आरोप में अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।


यह मामला ‘कर्नाटक ब्राह्मण सभा’ के सदस्य नटराज भागवत की शिकायत के बाद शुक्रवार को दर्ज किया गया।

पुलिस के अनुसार आरोपी के खिलाफ धारा 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके अपमानित करने का इरादा), 351 (1) (आपराधिक धमकी), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और भारतीय न्याय संहिता की 3(5) (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि घटना जिला प्रशासन के संज्ञान में लाए जाने के बावजूद अधिकारियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तथा छात्रों से परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने से पहले ‘जनिवार’ हटाने के लिए कहे जाने से छात्रों के साथ-साथ समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

इस घटना से विवाद पैदा हो गया, जिसके बाद राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री एम सी सुधाकर ने आश्वासन दिया कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के वास्ते छात्रों के चयन के लिए ‘समान प्रवेश परीक्षा’ (सीईटी) आयोजित की जाती है।

पुलिस ने बताया कि बुधवार को आदिचुंचनगिरि पीयू कॉलेज परीक्षा केंद्र में सुरक्षा कर्मचारियों ने तीन छात्रों से कथित तौर पर ‘जनिवार’ उतारने को कहा।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच के अनुसार, जब हमने कॉलेज अधिकारियों से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि उनकी ओर से केवल परीक्षा के लिए भवन दिया गया है और प्रवेश परीक्षा आयोजित करने या अन्य सुविधा प्रदान करने में उनकी कोई भूमिका नहीं है, वहीं परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने दावा किया कि उन्होंने किसी भी छात्र से अपनी शर्ट या जनेऊ उतारने के लिए नहीं कहा। नियमानुसार, उन्होंने केवल छात्रों से काशी धारा (कलाव) उतारने के लिए कहा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये ऐसे आरोप हैं जिनकी पुष्टि की जानी चाहिए और इसके लिए विस्तृत जांच की जा रही है।’’
 

भाषा
शिवमोगा (कर्नाटक)


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