वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में हिंसा, मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद में तीन लोगों की मौत, 138 गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई और 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
![]() वक्फ कानून को लेकर प. बंगाल में हिंसा |
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर बात की। केंद्रीय गृह सचिव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी से यथाशीघ्र सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा।
गृह मंत्रालय ने कहा, हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में स्थानीय तौर पर उपलब्ध लगभग 300 बीएसएफ कर्मियों के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर पांच और कंपनी तैनात की गईं। गृह मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय गृह सचिव ने कहा, केंद्र स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है, उन्होंने पश्चिम बंगाल को हरसंभव सहायता का आासन दिया।
अधिकारी ने बताया, हिंसा प्रभावित शमशेरगंज क्षेत्र में जाफराबाद स्थित एक घर में पिता और पुत्र के शव बरामद किए गए जिनके शरीर पर चाकू से वार के निशान थे। मृतकों के परिवार ने आरोप लगाया कि अपराधियों ने उनके घर में लूटपाट की और दोनों पर चाकू से प्रहार किया।
एक अन्य घटना में, शुक्रवार को सुती के साजुर मोड़ पर झड़प के दौरान 21 वर्षीय एक युवक गोली लगने से घायल हो गया और शनिवार शाम को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उसकी मौत हो गई। शनिवार को भी कुछ इलाकों में हिंसा हुई।
शमशेरगंज के धुलियान में काम पर जाते समय एक नाबालिग लड़के सहित बीड़ी कारखाने के दो श्रमिकों को गोली मार दी गई। दोनों का मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में उपचार किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी, सड़कें जाम कर दीं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पूर्व रेलवे के न्यू फरक्का-अजीमगंज रेल मार्ग पर शुक्रवार को धुलियानगंगा और निमतिता स्टेशनों के बीच ट्रेन सेवाएं लगभग छह घंटे तक बाधित रहीं।
मुर्शिदाबाद के कई हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है तथा स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश देते हुए कहा कि इस तरह की स्थिति आने पर वह अपनी आंखें बंद नहीं रख सकता। यह जिला वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों से कथित रूप से जुड़ी हिंसा से प्रभावित है।
अदालत ने कहा, क्षेत्र में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने के लिए मुर्शिदाबाद के प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश दिया।
अदालत ने राज्य सरकार और केंद्र दोनों को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 17 को होगी।
हिंसा के लिए ममता जिम्मेदार
केंद्रीय मंत्री और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुर्शिदाबाद जिले के अशांत इलाकों में कानून के शासन को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता शासन शमशेरगंज, सुती और जंगीपुर में हिंदुओं पर हमले’ के बावजूद आंखें मूंदे बैठा है।
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