Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून पर कोहराम, NC विधायकों ने फाड़ी बिल की कॉपी

Last Updated 07 Apr 2025 03:57:55 PM IST

Waqf Amendment Act: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर सोमवार को जमकर हंमागा हुआ। इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित अन्य दलों ने एक बैठक कर विधानसभा में वक्फ कानून (Waqf Law) के खिलाफ प्रस्ताव लाने की बात कही थी।


जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर द्वारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रस्ताव को नामंजूर किए जाने पर सोमवार को भारी हंगामा हुआ जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई, लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं बन पाई। तीसरी बार अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के सदस्यों नजीर गुरेज़ी और तनवीर सादिक द्वारा वक्फ कानून पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया गया था। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया कि यह मामला न्यायालय में लंबित है।


इस विषय पर नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों सहित कुल नौ सदस्यों ने अध्यक्ष को कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था।

सदन में भाजपा के नेता सुनील शर्मा ने प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया जिससे हंगामा शुरू हो गया।

सादिक ने कहा, "यह हमारी आस्था से जुड़ा धार्मिक मामला है। इससे ज्यादा गंभीर कोई मुद्दा नहीं है। अध्यक्ष महोदय, क्या आप इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार करने के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करेंगे?"

प्रस्ताव खारिज होते ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे और ‘‘भाजपा हाय-हाय’’ तथा ‘‘बिल वापिस करो’’ जैसे नारे लगाए।

इस दौरान नेकां के विधायक सलमान सागर और एजाज़ जान ने कुछ दस्तावेज फाड़कर हवा में उछाल दिए।

विधानसभा अध्यक्ष राथर ने सदन के नियम 58 का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए प्रश्नकाल स्थगित कर इस पर चर्चा नहीं की जा सकती।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विधेयक की संवैधानिकता पर फैसला अदालत को करना है।

पीडीपी सदस्य वहिद पारा ने मामले के धार्मिक महत्व की ओर ध्यान दिलाया।

उन्होंने कहा, "यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक मामला है। तमिलनाडु विधानसभा ने इस पर प्रस्ताव पारित किया है। सदन को इसके अनुसार कार्य करना चाहिए।"

विधानसभा अध्यक्ष ने जवाब देते हुए कहा कि तमिलनाडु विधानसभा का प्रस्ताव अदालती कार्यवाही से पहले का है। उन्होंने कहा, "यह न्यायालय में विचाराधीन है। मैं प्रश्नकाल के स्थगन की अनुमति नहीं दूंगा।"

हंगामे के दौरान नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के एक अन्य विधायक माजिद लारमी की काली अचकन भी फट गई जिसके टुकड़ों को विपक्ष ने विरोध के प्रतीक के रूप में लहराया। उन्होंने चिल्लाते हुए कहा, "बिल वापस लो, कानून को खत्म करो," जबकि भाजपा सदस्यों ने उनका जवाब देते हुए कहा, "ड्रामेबाजी को बंद करो।"

गुरेजी ने कहा, "यह एक धार्मिक मामला है और हम अपनी आस्था के लिए कुछ भी त्यागने को तैयार हैं। यदि आप हमें इस पर चर्चा करने की अनुमति नहीं देंगे, तो हम सदन को चलने नहीं देंगे।"

कार्यसूची के अनुसार, सोमवार को आठ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, सात गैर-सरकारी संकल्प और राज्य की स्थिति से जुड़े तीन प्रस्तावों सहित सचिव द्वारा जानकारी प्रस्तुत की जानी थी।

भाषा
जम्मू


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