RSS भारतीय संस्कृति का ’वट वृक्ष‘ : पीएम मोदी

Last Updated 31 Mar 2025 06:44:35 AM IST

प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के 11 साल बझद पहली बार नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय पहुंचे नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आरएसएस को भारत की अमर संस्कृति का ‘वट वृक्ष’ बताया।


मोदी नागपुर में आरएसएस मुख्यालय का दौरा करने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2000 में अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान यहां का दौरा किया था।

प्रधानमंत्री मोदी नागपुर में अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच सुबह आरएसएस मुख्यालय में डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर का दौरा किया और संघ के संस्थापकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह दीक्षाभूमि भी गए, जहां डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 1956 में अपने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। मोदी ने माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की आधारशिला भी रखी, जो माधव नेत्रालय नेत्र संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र का एक नया विस्तार भवन है।

इस भवन का नाम आरएसएस के दिवंगत पूर्व प्रमुख माधवराव गोलवलकर के नाम पर रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर’ की आधारशिला रखने के बाद कहा, ‘‘आरएसएस के स्वयंसेवक देश के विभिन्न क्षेत्रों एवं हिस्सों में नि:स्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं।

‘‘आरएसएस भारत की अमर संस्कृति और आधुनिकीकरण का वट वृक्ष है, जिसके आदर्श और सिद्धांत राष्ट्रीय चेतना की रक्षा करना है। ‘‘यह विशाल वटवृक्ष कोई साधारण वटवृक्ष नहीं है। आरएसएस सेवा का पर्याय है। पिछले 100 वर्षों में आरएसएस के अपने संगठन के साथ की गई ‘तपस्या’ का फल मिल रहा है, क्योंकि देश 2047 में ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के करीब पहुंच रहा है।

उन्होंने कहा कि 1925-47 का समय संकट का समय था, क्योंकि देश आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था और अब 100 वर्षों के बाद आरएसएस एक और मील के पत्थर की ओर अग्रसर है। मोदी ने कहा,‘‘2025 से 2047 तक का समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे सामने बड़े लक्ष्य हैं। हमें अगले 1,000 साल के मजबूत और विकसित भारत की आधारशिला रखनी है। उन्होंने रेखांकित किया राष्ट्र इस वर्ष संविधान की 75वीं वषर्गांठ मना रहा है और आरएसएस अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है। 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि माधव नेत्रालय ने लोगों के कल्याण के लिए कई वर्षों तक कड़ी मेहनत की है। यह संघ की निस्वार्थ सेवा की विचारधारा से प्रेरित है। 

उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा नहीं लगता कि लोग स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं; इसलिए आरएसएस स्वयंसेवकों ने माधव नेत्रालय में जरूरतमंदों को दृष्टि प्रदान करने के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया है। भागवत ने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक अपने लिए कुछ नहीं चाहते, बल्कि समाज में दूसरों के लिए काम करते हैं।

प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि ये स्मारक भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठन के मूल्यों को समर्पित हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठन शक्ति के मूल्यों को समर्पित यह स्थली हमें राष्ट्र की सेवा में आगे बढने की प्रेरणा देती है।

संघ के दो मजबूत स्तंभों का यह स्मारक देश की सेवा में समर्पित लाखों स्वयंसेवकों के लिए प्रेरणा का स्रेत है, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा के प्रति खुद को समर्पित किया है।  ‘हमारे प्रयासों से मां भारती का गौरव सदा बढ़ता रहे।’’

भाषा
नागपुर


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