PM Modi Nagpur Visit : नागपुर में इतिहास रचेंगे पीएम मोदी, स्मृति मंदिर दौरा होगा खास : दिलीप देवधर

Last Updated 30 Mar 2025 08:32:00 AM IST

PM Modi Nagpur Visit : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस - RSS) के जानकार और अभ्यासक दिलीप देवधर ने एक न्यूज एजेंसी से आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संबंध को लेकर अपने विचार साझा करते हुए संघ के महत्व और इसके इतिहास पर विस्तार से चर्चा की।


दिलीप देवधर ने संघ के छह प्रमुख उत्सवों में से वर्ष प्रतिपदा को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस दिन की कई खासियतें हैं, जिसमें एक प्रमुख बिंदु यह है कि वर्ष प्रतिपदा संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का जन्मदिन होता है।

इसके अलावा, 30 मार्च को माधव गोलवलकर गुरुजी के नाम पर नेत्रालय की स्थापना का उत्सव भी होता है। इस दिन डॉक्टर हेडगेवार, गुरुजी गोलवलकर और संघ तीनों की एकता का प्रतीक है। 30 मार्च को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मंच पर होंगे और दोनों का सार्वजनिक भाषण होगा। इस महत्वपूर्ण घटना को भारतीय इतिहास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

संघ के स्मृति मंदिर के इतिहास पर भी दिलीप देवधर ने प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 1940 में डॉ. हेडगेवार के निधन के बाद, उनका एक स्मृति समाधि स्थल बनाना आवश्यक था, जिसे स्वयंसेवकों ने शुरू किया। 

सरसंघचालक गोलवलकर ने यह स्पष्ट किया था कि भगवा ध्वज ही स्वयंसेवकों का गुरु है, इसलिए हेडगेवार जी की समाधि नहीं बनानी चाहिए। हालांकि, स्वयंसेवकों ने आदर करते हुए एक समाधि बनाई।

साल 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद, कांग्रेस ने इसे विवादित मानते हुए समाधि स्थल को हटा दिया। इसके बाद, साल 1962 में स्वयंसेवकों ने एक-एक रुपया जमा करके स्मृति मंदिर का निर्माण किया और उद्घाटन किया।

स्मृति मंदिर में डॉ. हेडगेवार की समाधि के बाद, 1973 में गुरुजी गोलवलकर का भी समाधि स्थल वहां बनाया गया। साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेई ने इस स्मृति स्थल का दौरा किया। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 25 साल बाद इस स्मृति मंदिर का दौरा करेंगे और दोनों समाधि स्थलों को वंदन करेंगे। यह घटना संघ के इतिहास में एक अहम मोड़ है।

दिलीप देवधर ने बताया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब वह संघ के मुख्यालय, नागपुर स्थित स्मृति मंदिर का दौरा करेंगे।

हालांकि, वह इससे पहले कई बार संघ के कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं, लेकिन स्मृति मंदिर में उनका यह दौरा ऐतिहासिक माना जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्मृति मंदिर कोई धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय विचारधारा और डॉ. हेडगेवार के विचारों का केंद्र है।

संघ के शताब्दी वर्ष को लेकर देवधर ने कहा कि इस बार संघ पुराने रूप में नजर नहीं आएगा। आने वाले 22 वर्षों में संघ परिवार का समाजमय रूप दिखाई देगा।

उन्होंने कहा कि संघ परिवार, भाजपा और सरकार एकात्म होकर भारत को समृद्ध और समर्थ बनाने के लिए काम करेंगे। इस दौरान संघ परिवार और भाजपा का समाज से गहरा संबंध होगा। 30 मार्च 2025 को यह टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है।

आईएएनएस
नागपुर


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