बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार चिंता का विषय : RSS

Last Updated 23 Mar 2025 08:43:29 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस - RSS) ने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों द्वारा हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ कथित रूप से सुनियोजित हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न को लेकर शनिवार को गंभीर चिंता व्यक्त की।


आरएसएस के शीर्ष निर्णायक मंडल अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की बैठक के दूसरे दिन बांग्लादेश के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया। आरएसएस ने कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है।

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों के हाथों हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर लगातार और सुनियोजित तरीके से हो रही हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करती है।’’

इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश में हाल में हुए शासन परिवर्तन के दौरान मठों, मंदिरों, दुर्गापूजा पंडालों और शैक्षणिक संस्थानों पर हमले, देवी-देवताओं की मूर्तियों का अपमान करने, बर्बर हत्याएं, संपत्तियों की लूट, महिलाओं के अपहरण और छेड़छाड़ तथा जबरन धर्मांतरण की कई घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।

एबीपीएस ने कहा, ‘‘इन घटनाओं को केवल राजनीतिक बताकर इनके धार्मिक पहलू को नकारना सत्य को नकारना जैसा है, क्योंकि ऐसी घटनाओं के पीड़ित लोग बड़ी संख्या में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से ही आते हैं।’’

प्रस्ताव में कहा गया है कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों पर अत्याचार कोई नयी बात नहीं है।

एबीपीएस ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में हिंदू आबादी में लगातार गिरावट (1951 में 22 प्रतिशत से आज 7.95 प्रतिशत तक) उनके लिए अस्तित्व के संकट को दर्शाती है।’’

प्रस्ताव में कहा गया है कि पिछले वर्ष हुई हिंसा और घृणा को सरकारी और संस्थागत समर्थन मिलना गंभीर चिंता का विषय है। एबीपीएस ने बांग्लादेश को आगाह किया कि लगातार ‘भारत विरोधी बयानबाजी’ दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है।

भाषा
बेंगलुरु


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