असम के दीमा हसाओ जिले में कोयले एक खदान में फंसे नौ मजदूरों को बचाने के लिए सेना के जवानों की मदद ली जा रही है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
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एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि आवश्यक उपकरणों से लैस गोताखोरों और 'सैपर्स' जैसे विशेषज्ञों का एक राहत कार्य बल श्रमिकों को बचाने के लिए उमरांगसो में घटनास्थल पर पहुंच गया है।
उन्होंने बताया कि भारतीय सेना और असम राइफल्स का एक कार्य दल श्रमिकों को बचाने के कार्य में जुट गया है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए सभी प्रयास नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बचाव कार्यों में मदद के लिए सेना को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, "इस त्वरित प्रतिक्रिया के लिए बहुत-बहुत आभार। हम अपने श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।"
कोयला खदान में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान भी घटनास्थल पर मौजूद हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि पानी को बाहर निकालने के लिए दो मशीनें भी लगाई गईं हैं।
उमरांगसो में स्थित असम कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने के कारण सोमवार से ही नौ मजदूर अंदर फंसे हुए हैं।
खदान के कर्मचारियों के अनुसार, खदान के अंदर लगभग 15 श्रमिक थे, हालांकि अधिकारियों ने संख्या की पुष्टि नहीं की।
मुख्यमंत्री ने फंसे हुए मजदूरों के नाम बताए, जिनमें- गंगा बहादुर श्रेथ, हुसैन अली, जाकिर हुसैन, सरपा बर्मन, मुस्तफा शेख, खुशी मोहन राय, संजीत सरकार, लिजान मगर और सरत गोयारी शामिल हैं।
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