Manipur Violence: मणिपुर में NPP ने BJP सरकार से वापस लिया समर्थन, नड्डा को लिखा पत्र, बिगड़ती कानून-व्यवस्था का दिया हवाला
Manipur Violence: मणिपुर में एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को रविवार को बड़ा झटका लगा। नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया।
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एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोनराड के. संगमा (Conrad K. Sangma) ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर मणिपुर सरकार के प्रति अपनी निराशा जताई और तत्काल प्रभाव से समर्थन वापस लेने की जानकारी दी।
संगमा ने मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की
संगमा ने पत्र में लिखा, "नेशनल पीपुल्स पार्टी मणिपुर राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करना चाहती है। पिछले कुछ दिनों में, हमने स्थिति को और बिगड़ते देखा है, जिसमें कई और निर्दोष लोगों की जान चली गई है और राज्य के लोग भारी पीड़ा से गुजर रहे हैं। हमें दृढ़ता से लगता है कि बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है।"
पत्र में कहा गया है, "वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है।"
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे। स्थिति फिर से गंभीर होती नजर आ रही है। हाल ही में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आर.के. इमो के घर पर हमला किया था। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पश्चिम जिले में शहरी विकास मंत्री वाई. खेमचंद, स्वास्थ्य मंत्री सापम रंजन के घरों को भी निशाना बनाया था।
NPP के समर्थन वापस लेने से कोई असर नहीं
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 32 और एनपीपी के सात विधायक हैं। इसलिए इस समर्थन वापसी से सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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