पहले से ही बड़े पैमाने पर कोविड-19 के प्रकोप से जूझ रहे केरल में अब निपाह का आगमन हो गया है। इसके कारण एक 12 वर्षीय लड़के की मौत हो गई, जिससे देश में सबसे अच्छी केरल की प्रसिद्ध स्वास्थ्य स्थिति पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
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निपाह 2018 के बाद वापस आ गया है, उस साल निपाह वायरस के कारण 17 लोगों की जान चली गई थी। राज्य की नई स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कोझीकोड पहुंचकर निपाह के और प्रसार को रोकने के लिए काम का समन्वय करने की शुरूआत की।
सोमवार को जॉर्ज ने मीडिया को बताया कि मौजूदा रणनीति प्रकोप के स्रोत की पहचान करने और मृतक के संपर्क का पता लगाने की थी।
जॉर्ज ने कहा, "प्राथमिक संपर्क के सात नमूने पुणे की प्रयोगशाला में भेजे गए हैं और परिणाम प्रतीक्षित हैं। वर्तमान में, 188 लोगों की पहचान की गई है और ट्रेसिंग चल रही है। एक बकरी जो कुछ समय पहले मर गई थी उसका निपाह वायरस से कोई लेना-देना नहीं है।"
एक केंद्रीय टीम कोझीकोड में है और उन इलाकों को कवर कर रही है जिन्हें अब लॉकडाउन के तहत रखा गया है, खासकर मृत लड़के के पड़ोस में।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे प्रयोगशाला से एक और टीम के बाद में (सोमवार) आने की उम्मीद है और तब तक लगभग 188 प्राथमिक संर्पकों का पहला नमूना परीक्षण कोझीकोड में किया जाएगा।
सोमवार की सुबह, पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम भी उस क्षेत्र में पहुंची जहां मृतक रहता था और वर्तमान प्रकोप के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
विभिन्न परीक्षणों से पता चला कि 2018 में, 25 प्रतिशत चमगादड़ कोझीकोड जिले के पेरम्बारा में संक्रमण का प्राथमिक स्रोत है, जिसमें निपाह वायरस था।
केंद्र के विशेषज्ञों ने बताया है कि 2018 में ड्रोन और जीपीएस का उपयोग करके किए गए इसी तरह के परीक्षण इस बार भी किए जाएंगे।
इस बीच, 12 वर्षीय लड़के की मां ने उन मीडिया र्पिोटों का खंडन किया कि वह पिछले दो दिनों से बुखार से पीड़ित थी। उन्होंने कहा कि वह ठीक है और उसमें कोई लक्षण नहीं हैं।
निपाह वायरस से लड़के की मौत के बाद कोझीकोड जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जिले के कई हिस्सों में स्वास्थ्य अधिकारियों को निपाह से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जॉर्ज के अलावा मंत्री -- ए.के. ससींद्रन, पी.ए. मोहम्मद रियाज और अहमद देवरकोइल- ये सभी जिले में निपाह की लड़ाई के समन्वय के लिए रुके हुए हैं।
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