नवजोत सिंह सिद्धू ने संभाली पंजाब कांग्रेस की कमान, CM कैप्टन अमरिंदर सिंह भी रहे मौजूद

Last Updated 23 Jul 2021 03:22:51 PM IST

पंजाब के लोगों को न्याय दिलाने की हुंकार के साथ आज नवजोत सिंह सिद्धू ने विधिवत तौर पर पंजाब कांग्रेस की कमान संभाल ली।


उनके साथ चार नये कार्यकारी अध्यक्षों ने भी पदभार संभाल लिया। पदभार ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नयी टीम को आर्शीवाद देने पहुंचे । इस मौके पर पंजाब पार्टी मामलों के प्रभारी हरीश रावत ,निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड,राजिंदर कौर भट्टल ,सभी मंत्री ,विधायक ,सांसद ,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ,पार्टी पदाधिकारी और वरिष्ठ नेताओं सहित भारी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस की नयी टीम को आर्शीवाद देते हुये कहा कि आलाकमान ने नयी पीढ़ी के कंधों पर जो बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है उसे मिलकर पूरा करेंगे तथा पंजाब और राष्ट्र को बचाना होगा।

उन्होंने आज कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू तथा उनकी टीम के पदभार ग्रहण समारोह में बड़ी तादाद में पहुंचे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये कहा कि कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है तथा सरकार तथा संगठन के बीच सामंजस्य बरकरार रखते हुये अगले चुनाव में भी जीत की ओर बढ़ेंगे। हम सभी को मिलकर देश तथा प्रदेश विरोधी ताकतों से बचाना है।

उन्होंने कहा कि मेरा शिरोमणि अकाली दल तथा आम आदमी पार्टी वा कतई भरोसा नहीं। इनसे प्रदेश को बचाना होगा।

कैप्टन सिंह ने सिद्धू को बधाई देते हुये कहा कि उनका साथ सिद्धू को पूरा मिलेगा। इससे पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ और मैंने मिलकर चार साल काम किया और कभी किसी बात के लिये मना नहीं किया। कोरोना काल में हमारी सरकार ने अच्छा काम किया ,फसल खरीद हो या शिक्षा सुधार ,पंजाब अव्वल रहा।

उन्होंने कहा कि जहां तक बेअदबी मामले की बात है तो वह इतना ही कहेंगे कि इन कामों में समय लगता है। हम चालान पेश कर रहे हैं। आरोपी बख्शे नहीं जायेंगे। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बादल या मजीठिया दिखेंगे भी नहीं। जनता सब जानती है।

उन्होंने सिद्धू परिवार के साथ अपनी निकटता गिनाते हुये कहा कि सिद्धू के पिता ही उन्हें राजनीति में लेकर आये थे। अब हम दोनों मिलकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। हमें पंजाब ही नहीं पूरे देश के बारे में सोचना होगा। पाकिस्तान से हमारी सीमा लगती है। हम पर दोहरी जिम्मेदारी है। हुकूमतें आती जाती रहती हैं लेकिन पार्टी हमेशा रहेगी।

पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने नयी टीम को बधायी देते हुये कैप्टन सिंह की ओर इशारा किया कि शेर कभी बूढ़ा नहीं होता तथा कैप्टन सिंह जैसे अनुभवी और काबिल मुख्यमंत्री का साथ नयी टीम को बुलंदी तक पहुंचायेगा। किसानों की लड़ाई हो या राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला कैप्टन सिंह ने हर मोर्चे पर अपनी जिम्मेदारी का वहन किया है। अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पंजाब में परचम लहराकर उत्तराखंड और 2024 के चुनाव में केन्द्र में कांग्रेस को सत्ता में लौटने की  जिम्मेदारी निभानी है।

रावत ने कहा कि वह भगवान से प्रार्थना करेंगे कि अब जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें कांग्रेस बहुमत के साथ आये और लोगों के कल्याण के लिये काम करती रहे।

कांग्रेस के नये अध्यक्ष सिद्धू ने जोशीले भाषण में कहा कि पद मेरे लिये कोई अहमियत नहीं रखता। मैंने कई पद छोड़े लेकिन मसला पंजाब की किसानी ,सड़कों पर उतरे लोगों की मांगों क है। किसान दिल्ली की सड़कों पर भटक रहा है। आज पार्टी प्रधान तथा कार्यकर्ता में कोई फर्क नहीं। मसला बेअदबी है।

उन्होंने कहा कि स्वतांता दिवस से वह अपना बिस्तर कांग्रेस भवन में लगायेंगे और हर पंजाबी के लिये काम करेंगे।

जाखड़ ने सिद्धू को नयी जिम्मेदारी सौंपते हुये उन्हें बधाई देते हुये कहा कि कैप्टन साहब ने 20 सालों में पार्टी के लिये बहुत कुछ किया लेकिन कांग्रेस को नौकरशाही ने मारा।

अकालियों को रेडकाप्रेट ने मारा। अब माहौल बदला है तथा अब एकजुट होकर चलने से बहुत कुछ बदलेगा। अफसरशाही के कारण कांग्रेस में कलह बढ़ा।

जाखड़ ने मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा किया कि उन्होंने समारोह में आकर अपने छोटों का मान बढ़ाया और आर्शीवाद दिया। आलाकमान ने सिद्धू के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है और सभी को उनका सहयोग करना है।

उन्होंने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी के नेता घरों से निकल नहीं सकते। कृषि कानूनों को लेकर उनका हाल बुरा हो गया है। आप बहबलकलां के बेअदबी के दोषियों को सजा दिलाकर रहोगे। हमारी जीत का रास्ता बहबलकलां से निकलता है।

इससे पहले सिद्धू मुख्यमंत्री की चाय पार्टी में शरीक हुये लेकिन एक दूसरे के हावभाव सहज दिखाई नहीं दिये। हालांकि समय की नजाकत को भांप मुख्यमंत्री पदभार ग्रहण समारोह में कुछ सहज नजर आये लेकिन सिद्धू और कैप्टन सिंह के चेहरों पर एक दूसरे को लेकर खुशी दिखाई नहीं दी। कैप्टन सिंह की चाय पार्टी में सभी मंत्री ,विधायक ,पूर्व मंत्री तथा प्रदेश अध्यक्ष शामिल हुये लेकिन सिद्धू और मुख्यमंत्री के बीच आपसी दूरियां कम नहीं हुई। सिद्धू पंजाब भवन से जल्द ही कांग्रेस भवन के लिये निकल गये जहां ताजपोशी होनी थी।

प्रदेश अध्यक्ष पद पर सिद्धू के नाम की घोषणा होने के बाद से कल तक जो घटनाक्रम चला उससे लग रहा था कि कैप्टन सिंह और सिद्धू के बीच तल्खी बरकरार रहेगी और मुख्यमंत्री ताजपोशी में शिरकत नहीं करेंगे लेकिन इसे उनकी बड़प्पन मानें या आलाकमान का निर्देश ,जो उनके तेवर कल शाम तक कुछ नरम पड़े और उन्होंने ताजपोशी में जाने का फैसला किया तथा इससे पहले उन्होंने सिद्धू सहित सभी को सुबह चाय पर बुलाया जिसमें सभी शामिल हुये। हालांकि दोनों दिल से नहीं दिमाग से मिले।

ज्ञातव्य है कि सिद्धू ने अमृतसर से लेकर खटकडकलां में जो शक्ति प्रदर्शन किया उसमें लगातार कैप्टन खेमे के विधायक दिखायी दिये और कल सिद्धू का न्यौता लेकर चारों कार्यकारी अध्यक्ष कैप्टन सिंह के सिसवां फार्महाउस पहुंचे और कल की ताजपोशी में पधारने का आग्रह किया । इस न्यौता पत्र में साठ से अधिक विधायकों तथा मंत्रियों के हस्ताक्षर थे।

कैप्टन सिंह ने कल ही ताजपोशी में जाने की हामी भर दी थी ।

वार्ता
चंडीगढ़


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment