उमर अब्दुल्ला-सज्जाद सरकार पर बिफरे, कहा- जानबूझकर नहीं दी जा रही बुलेट प्रूफ वाहन खरीदने की इजाजत
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन ने अपने निजी बुलेटप्रूफ वाहन को मंजूरी नहीं दिये जाने को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तीखी आलोचना की है।
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दोनों नेताओं का यह रोष पुलवामा जिले के त्राल में भारतीय जनता पार्टी के निगम पार्षद राकेश पंडित की हत्या के बाद सामने आया है।
पंडित की बुधवार देर रात पुलवामा के त्राल में तीन संदिग्ध आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष लोन ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, कहा कि निजी तौर पर लाए गए बुलेट प्रूफ वाहन को मंजूरी देने का उनका अनुरोध पिछले तीन महीनों से पुलिस के पास पड़ा है।
उन्होंने कहा, “पांच अगस्त 2019 के बाद यह धारणा बन गई है कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक वर्ग ठग है और पुलिस सहित अधिकारी वर्ग ने वास्तव में इस पर विश्वास करना शुरू कर दिया है।”
पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष की बातों से सहमति जताते हुए नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी पार्टी कश्मीर स्थित अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों के लिए दो बुलेट प्रूफ वाहनों का ऑर्डर देना चाहती है, जिन्हें उचित सुरक्षा से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा,“अनुमति का अनुरोध प्रशासन में किसी डेस्क पर धूल के गुबार के नीचे दबा होगा।”
Agree 100%. We also wanted to order 2 bullet proof vehicles for our senior Kashmir based office bearers who are being denied proper protection out of spite. The permission request is collecting dust on some desk in the administration. https://t.co/540jGCxMEk
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 3, 2021
लोन ने कहा, “बस कह रहा हूं। मैं शिकायत नहीं कर रहा। सुरक्षा के बारे में आप किसी के मरने के बाद कितनी बात करते हैं। हम जानते हैं कि आप एक उपकरण के रूप में सुरक्षा का उपयोग कैसे करते हैं। मुझे जेड प्लस कैटेगरी का होना चाहिए। निजी वाहन लाए हैं, बुलेट प्रूफ। चंडीगढ़ स्थित फैक्ट्री में पड़ा है। क्यों, क्योंकि तीन महीने से क्लीयरेंस नहीं दी गई। एडीजी सुरक्षा ने मंजूरी पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। यह किसी ऐसे व्यक्ति के साथ है जिसके पास जाहिर तौर पर जेड प्लस है।कम स्तर की सुरक्षा वाले लोगों के साथ आप क्या करेंगे।”
उन्होंने कहा कि उपाय केंद्र सरकार और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर से आना है।उन्होंने कहा,“उन्हें लोकतंत्र में राजनीतिक वर्ग की अपरिहार्य क्षमता से अवगत कराना होगा।” संजय जितेन्द्र वार्ता
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