केंद्र सरकार के पास पर्याप्त धन, लेकिन मुफ्त टीका उपलब्ध नहीं करायेगी : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र को कोविड-19 रोधी टीकों की खुराक की अलग-अलग कीमत की अनुमति नहीं देनी चाहिए और लोगों को यह टीका मुफ्त में दिया जाना चाहिए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी |
बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के तपन में एक चुनावी रैली में दावा किया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खजाने में पर्याप्त धन होने के बावजूद वह टीका मुफ्त नहीं देना चाहती।
उन्होंने कहा कि कोविशील्ड के लिए केंद्र 150 रुपये देता है, राज्यों को 400 रुपये देना होता है और निजी अस्पतालों को 600 रुपये देना होता है। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, ‘‘क्या यह मजाक है? आखिर एक टीका अलग-अलग कीमत पर क्यों बेचा जा रहा है? टीके का वाणिज्यीकरण नहीं होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में केंद्र के पास काफी धन है लेकिन वह मुफ्त टीका उपलब्ध नहीं करवाएगा। आखिर वे (केंद्र के नेता) इन दिनों जरूरतमंदों की मदद क्यों नहीं कर सकते?’’
ममता ने आरोप लगाया कि ‘‘कोविड-19 के मामलों में बढोत्तरी देश के लिए मोदी की देन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक आपने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने) कुछ नहीं किया, आपने लोगों को सचेत नहीं किया या समय रहते जरूरी एहतियात नहीं बरती। अब मामलों के बढने के बीच आप लोगों से टीके की खुराक खरीदने और टीका लगवाने के लिए कह रहे हैं।’’
ममता ने इजराइल का उल्लेख किया जहां मास्क पहनना अब अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में क्या हुआ? अब तक मोदी सरकार ने राज्यों को खुद टीकाकरण अभियान चलाने की अनुमति नहीं दी और इसी के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई।’’
तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने 43 लोगों को टीके की खुराक दी है, इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब तक हमने 40,000 से 50,000 लोगों का हर दिन टीकाकरण किया है। राज्य ने टीके की एक करोड़ खुराक की मांग की है।’’
उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार पांच मई के बाद 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का मुफ्त में टीकाकरण करेगी।
बनर्जी ने मतदाताओं से अपील की कि वे धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर और ‘‘विभाजनकारी ताकतों जैसे कि भाजपा को टैगोर, नजरूल और अन्य महान हस्तियों की धरती रहे बंगाल में अपना गढ बनाने से रोकें।’’
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