कैदियों से पत्र लिखवाकर सरकार की बदनामी का नया चलन -शिवसेना

Last Updated 08 Apr 2021 03:12:28 PM IST

शिवसेना सांसद और पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने अब सरकार गिराने के लिए गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है।


कैदियों से पत्र लिखवाकर सरकार की बदनामी का नया चलन -शिवसेना

उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में जेलों में बंद कैदियों द्वारा पत्र लिखवाकर सरकार की बदनामी का नया चलन शुरू हुआ है। ये महागठबंधन सरकार को बदनाम करने और अस्थिर करने के लिए एक राजनीतिक साजिश है।' गिरफ्तार और निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे द्वारा लेटर-बम' की पैरवी के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में महाविकास अघाड़ी के मंत्रियों के खिलाफ कई आरोप लगाए थे।

राउत ने आगे कहा, "राज्य सरकार को गिराने की कोशिश करने वालों के असली चेहरे सामने आ रहे हैं। जेल में लोगों का पत्र लिखने का एक नया चलन शुरू हुआ है। देश ने पहले कभी इस तरीके से गंदी राजनीतिक खेल खेलते हुए नहीं देखा।"

वाजे के पत्र में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, परिवहन मंत्री अनिल परब और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नाम सामने आए हैं।

राउत ने तीखे तेवर के साथ कहा, "लेकिन ये नाम कौन ले रहा है। यह (पत्र) जेल में बंद एक व्यक्ति द्वारा लिखा गया है, जिसे अपराध के लिए जेल में डाल दिया गया है और अब इसे सबूत के रूप में दिखाया जा रहा है।"



शिवसेना नेता परब ने बुधवार को वाजे के दावों को खारिज कर दिया और कहा कि वह आरोपों की जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की कसम खाई और कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।

राउत ने आगे कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तथाकथित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए नये-नये हथकंड़े अपना रहीहै। लेकिन उनके इरादे सफल नहीं होंगे।

शिवसेना सांसद की प्रतिक्रियाएं 3 अप्रैल को वाजे द्वारा विशेष एनआईए जज को लिखे एक पत्र के सार्वजनिक होने के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने देशमुख, परब, अजीत पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। दागी पुलिसकर्मी को 9 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया है।

आईएएनएस
मुंबई


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