पश्चिम बंगाल में आज 'लेफ्ट' का 12 घंटे का बंद, वाम दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और रोड जाम किया
पश्चिम बंगाल में वाम दल द्वारा शुक्रवार को आहूत 12 घंटे के बंद के कारण जन-जीवन प्रभावित हुआ। यह बंद पुलिस कार्रवाई के खिलाफ बुलाया गया है।
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पश्चिम बंगाल में राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ की ओर मार्च करते हुए वाम दल के कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस के बर्ताव के खिलाफ यह बंद बुलाया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मद्देनजर 11 महीने से बंद स्कूल आज नौंवी से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए खुल रहे हैं।
वाम दल के कार्यकर्ताओं ने मालदा, बर्धमान, रायगंज, आसनसोल, दनकुनी, कोलकाता के कुछ हिस्सों में, उत्तरी 24 परगना और नादिया जिलों में रेल की पटरियां और सड़कें जाम कीं। बंद सुबह छह बजे शुरू हुआ था।
#WestBengal: Day-to-day activities in Birbhum district remain unaffected amid a 12-hour bandh call by Left Front in the state
— ANI (@ANI) February 12, 2021
Members of Left parties & Congress protest on roads after workers of Left were allegedly beaten up during a march to Kolkata's Nabanna yesterday pic.twitter.com/N3OC80obUR
प्रदर्शनकारियों ने कुछ इलाकों में टायरों में आग भी लगाई और कुछ जगह पुलिस कर्मियों को गुलाब के फूल भी दिए।
West Bengal: Members of Left parties and Congress block a road in the North 24 Parganas district's Barasat area
— ANI (@ANI) February 12, 2021
The Left Front has called for a 12-hour bandh in the state today to protest after its workers were allegedly beaten up during a march to Nabanna in Kolkata yesterday pic.twitter.com/SrSvrptHzF
नौकरियों और बेहतर शिक्षा सुविधाओं की मांग को लेकर ‘नबन्ना अभियान‘ में शामिल वाम कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बृहस्पतिवार को मध्य कोलकाता के एस्पलेनेड इलाके में उस समय झड़प हो गई थी, जब कुछ लोगों ने अवरोधक हटाकर नबन्ना की ओर बढने की कोशिश की।
वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने पुलिस के ‘‘क्रूर हमले’’ के खिलाफ बंद का आह्वान करते हुए दावा किया था कि कार्रवाई में 150 से अधिक छात्र, युवक एवं युवतियां घायल हुए हैं। सार्वजनिक वाहनों की सामान्य आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर भारी पुलिस बल की तैनाती भी दिखी।
वाम दल के नेता सुजान चक्रवर्ती ने बताया कि लोग बंद का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों को स्कूल जाने से नहीं रोका गया। इस बीच, भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा के नेता पीरजादा अब्बास सिद्दिकी ने भी बंद का समर्थन किया है।
पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार एक तरफ जहां खुद प्रशासन से दमन कराती है वहीं दूसरी ओर केन्द्र की ‘‘असंवैधानिक गतिविधियों’’ का विरोध करती है।
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