उड़ीसा नहीं अब ओडिशा कहिये
उड़ीसा अब जल्दी ओडिशा कहा जायेगा, संसद में इससे जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी गयी है.
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उड़ीसा के नये नाम ओडिशा को अब जल्द ही कानूनी मान्यता मिल जायेगी क्योंकि शुक्रवार को ससंद ने इससे संबंधित विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी.
गृह मंत्री पी चिदम्बरम द्वारा पेश उड़ीसा नाम परिर्वतन विधेयक 2010 और इसके संबंध में संविधान 113 वां संशोधन विधेयक को राज्यसभा ने संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया. सदन ने संविधान संशोधन विधेयक को शून्य के मुकाबले 169 मतों से पारित कर दिया. लोकसभा नौ नवंबर 2010 को यह विधेयक पारित कर चुकी है.
चिदम्बरम ने इन दोनों विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि उड़ीसा सरकार ने राज्य का नाम बदलकर ओडिशा करने और इसी के अनुसार इसके हिन्दी अनुवाद को परिवर्तित करने के लिए उड़ीसा विधान सभा द्वारा पारित प्रस्ताव को दिसम्बर 2008 में केन्द्र सरकार को भेजा था. उसी संदर्भ में यह विधेयक यहां पेश किया गया है.
गृह मंत्री ने कहा कि संघीय व्यवस्था की सच्ची भावना के अनुरूप संसद ने उड़ीसा के लोगों की इच्छा का सम्मान किया है.
इससे साथ ही सदन ने उडि़या भाषा के स्थान पर ओडिया भाषा करने संबंधी संशोधन को भी मंजूरी दे दी.
विधेयक पर हुई चर्चा में भाजपा के रूद्र नारायण पाणि, रामदास अग्रवाल और चंदन मित्रा, कांग्रेस के रामचंद्र खूंटिया और सुशीला तिरिया, बीजद के प्यारीमोहन महापात्र, जदयू के शिवानंद तिवारी, माकपा के टी के रंगराजन, राकांपा के जनार्दन वाघमरे, शिवसेना के भरत कुमार राउत, भाकपा के सैयद अजीज पाशा, आरएसपी के अवनी राय, राजद के राजनीति प्रसाद और द्रमुक के टी शिवा ने भी भाग लिया.
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