अनुशासन बिगड़ता देख बैठक बीच में छोड़कर चले गए सभापति जगदीप धनखड़

Last Updated 28 Mar 2025 07:20:28 PM IST

राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की शुक्रवार को एक बैठक बुलाई गई। इसमें राज्यसभा में अगले सप्ताह होने वाले कार्यों पर चर्चा की जानी थी। जानकारी के मुताबिक, कई सांसदों द्वारा अनुशासन का पालन न करने पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ बैठक के बीच में उठकर चले गए।


राज्यसभा में विपक्ष के कुछ सांसदों का कहना है कि बैठक के दौरान सरकार और उनके बीच डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या पर चर्चा को लेकर मतभेद था। इसी मुद्दे पर सभापति बैठक से चले गए।

विपक्ष के सांसदों का कहना है कि वे बजट सत्र में लगातार डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ विधेयकों को संसदीय समितियों के पास भेजने को लेकर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मतभेद है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को हुई इस बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्षी सांसद अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे। इससे बैठक में अव्यवस्था उत्पन्न हुई।

राज्यसभा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक फोटो पहचान पत्र पर चर्चा की कोई बात ही नहीं है, बल्कि बैठक में अनुशासनहीनता देखने को मिली, इसलिए सभापति बैठक से उठकर चले गए।

बताया जा रहा है कि यहां सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद विभिन्न मुद्दों पर सहमति नहीं बना पाए और अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद बजट सत्र के दौरान लगातार डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सदन में कई बार नियम 267 के तहत इस पर चर्चा की मांग भी उठाई है। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिया गया वक्तव्य भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव का बड़ा कारण बना हुआ है। जहां कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला, वहीं सदन के भीतर शुक्रवार को सपा सांसद के वक्तव्य पर काफी हंगामा हुआ।

रामजीलाल सुमन ने मौजूदा संसद सत्र के दौरान राणा सांगा को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिस पर सत्ता पक्ष ने अपनी नाराजगी जताई है।

सभापति जगदीप धनखड़ ने राणा सांगा को नायक बताया है। उन्होंने कहा कि सदन में कुछ भी बोलते समय जन भावनाओं का सम्मान और ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने सपा सांसद के वक्तव्य को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया है, लेकिन यह सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, "हर परिस्थिति में हमारा आचरण मर्यादित होना चाहिए, संजीदगी का होना चाहिए। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लोगों की संवेदनाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं। मैं चाहता हूं कि सदन में हम सभी एकजुट होकर यह संकल्प लें कि सदन के सदस्य के रूप में हम संवेदनशील मुद्दों पर मर्यादा बनाए रखेंगे।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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