भारत की अर्थव्यवस्था में वैश्विक क्षमता केंद्रों का योगदान 2030 तक पांच प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद

Last Updated 28 Mar 2025 04:08:47 PM IST

वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) का 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत योगदान होने का अनुमान है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।


भारत की अर्थव्यवस्था में वैश्विक क्षमता केंद्रों का योगदान

‘आर्थिक सर्वेक्षण 2024’ ने जीसीसी से भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 3.5 प्रतिशत योगदान का अनुमान लगाया था।

हालांकि, मौजूदा विकास और 'डिजिटल ट्विन' के आधार पर, लीडिंग जीसीसी इनेब्लर इंडक्टस का अनुमान है कि देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा क्षमताएं स्थापित करने की तेजी से बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए यह योगदान 5 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटीग्रेटेड 'डिजिटल ट्विन' रणनीति ने परिचालन, लागत और दक्षता से जुड़े सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में भी योगदान दिया है।

इंटीग्रेटेड 'डिजिटल ट्विन' अप्रोच पारंपरिक जीसीसी मॉडल की तुलना में परिचालन लागत में कटौती करते हुए कार्यान्वयन समयसीमा को काफी कम करता है।

'डिजिटल ट्विन' प्रक्रिया जीसीसी संचालन की वर्चुअल जिससे प्रक्रियाओं की निगरानी और विश्लेषण संभव होता है। डिजिटल अप्रोच दक्षता को बढ़ाने के लिए पूर्वानुमान विश्लेषण, स्वचालन प्रक्रिया और डेटा-संचालित निर्णय लेने को लागू करती है।

“तेजी से बदलती तकनीक की दुनिया में इनोवेशन से संचालित रिसर्च और डेवलपमेंट में निवेश करने वाले विश्व स्तरीय निगम न केवल जीवित रहते हैं बल्कि फलते-फूलते हैं।

इनोवेशन वह शक्ति है जो संगठनों को एक उभरते बाजार में प्रासंगिक, लागत-प्रतिस्पर्धी और भविष्य के अनुकूल बने रहने में मदद करती है।

इंडक्टस के संस्थापक और सीईओ आलोक कुमार ने कहा, “डिजिटल ट्विन’ रणनीति को लागू करने वाली कंपनियां मिरर-लाइक ऑफशोर कॉन्फिगरेशन बना रही हैं, जो वैश्विक मुख्यालयों के साथ सहजता से तालमेल बिठाती हैं। जिससे रियल टाइम में सहयोग और निर्णय लेने में मदद मिलती है।"

डिजिटल ट्विन’ रणनीति ने टेक और आईटी, बीएफएसआई, फार्मा और लाइफ साइंसेज, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल और ई-कॉमर्स जैसे इंडस्ट्री सेक्टर में असाधारण परिणाम दिए हैं।

रिपोर्ट ने जीसीसी संचालन में उभरते रुझानों की पहचान की, जिसमें एआई डिसिजन इंटेलिजेंस एडवांस्मेंच, स्केलेबल क्लाउड और आईओटी एकीकरण, ईएसजी-स्थिरता पहल और इंडस्ट्री-स्पेसिफिक वर्टिकल सॉल्यूशन शामिल हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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