दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार के अधिकारी पिछले 10 वर्षों में ‘मोटी चमड़ी’ वाले हो गए हैं और चर्बी कम करने के लिए उन्हें सड़कों पर उतरकर पसीना बहाना पड़ेगा।

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उन्होंने अक्षरधाम क्षेत्र में एक नाले की सफाई ठीक से नहीं करने को लेकर एक कार्यकारी अभियंता को निलंबित करने का आदेश दिया।
मंत्री की यह टिप्पणी विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता द्वारा मुख्य सचिव धर्मेंद्र को लिखे पत्र के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर विधायकों के पत्रों, फोन कॉल या संदेशों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया था।
वर्मा ने शुक्रवार को क्षेत्र के दौरे के दौरान कहा, ‘‘समस्याएं हर जगह हैं। लेकिन हम कड़ी मेहनत करने और अधिकारियों से अपना काम करवाने के लिए दृढ़ संकल्प हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में पूरी व्यवस्था चरमराने के कगार पर थी। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अब सड़कों पर उतर आई है और मंत्री घंटों क्षेत्रों में जाकर स्थिति का मुआयना कर रहे हैं। अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए गए हैं कि किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’’
वर्मा ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों (आम आदमी पार्टी के शासन) में सरकारी अधिकारी ‘‘मोटी चमड़ी वाले’’ हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह हम क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, अधिकारियों को भी अपनी चर्बी कम करने के लिए ऐसा ही करना होगा। उन्हें सार्वजनिक कोष से वेतन दिया जाता है और उन्हें लोगों के लिए काम करना ही होगा।’’
पटपड़गंज में अक्षरधाम मंदिर के निकट नाले की सफाई का काम न होने पर नाराजगी जताते हुए वर्मा ने पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता रामाशीष सिंह को निलंबित करने का आदेश दिया।
मंत्री ने यह भी कहा कि नालों के माध्यम से यमुना में बहने वाले सीवेज के पानी का शोधन करने की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
वर्मा ने कहा, ‘‘मैंने हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से वहां के नालों से यमुना में गिरने वाले औद्योगिक अपशिष्ट जल के शोधन के लिए बात की है।’’
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