'चीन पर सैम पित्रोदा का बयान, गलवान के शहीदों का अपमान' : सुधांशु त्रिवेदी

Last Updated 17 Feb 2025 03:42:52 PM IST

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा के बयान को गलवान के शहीदों का अपमान बताया है। पित्रोदा ने आईएएनएस से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा था कि भारत को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है और यह धारणा छोड़ने की जरूरत है कि चीन दुश्मन है।


भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। लेकिन, कुछ शक्तियां इसे प्रभावित करने में लगी हुई है। ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने आज चीन को लेकर आज जिस प्रकार का बयान दिया है, उससे यह बात बहुत साफ हो गई है कि कांग्रेस पार्टी के चीन के साथ हुए करार का इजहार वो दिनदहाड़े कर दिया है।

सांसद त्रिवेदी ने कहा, " गंभीर बात ये है कि जिस प्रकार की बात सैम पित्रोदा ने कही है, वो भारत की अस्मिता, कूटनीति और भारत की संप्रभुता पर बहुत गहरा आघात है उन्होंने (पित्रोदा) कहा है कि चीन के साथ तो किसी प्रकार का विवाद ही नहीं है, यानी भारत ही आक्रामक मुद्रा लिए हुए है? भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विश्व के हर देश के साथ अच्छे और सौहार्दपूर्ण संबंध चाहती है। लेकिन, राष्ट्रीय स्वाभिमान, सुरक्षा और सुदृढ़ता हमारे लिए सर्वोपरि है।"

भाजपा नेता ने कहा कि इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कई बार इस तरह का बयान दे चुके हैं। राहुल गांधी ने एक विदेशी दौरे में कह दिया था कि चीन ने बेरोजगारी को कम करने में अच्छा काम किया है।

पित्रोदा के बयान को उन्होंने गलवान के शहीदों का अपमान बताया। राज्यसभा सांसद ने पूछा, " क्या यह गलवान के शहीदों का अपमान नहीं है? गलवान में हमारे सैनिक शहीद हो गए। लेकिन, इसके बावजूद अगर कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख इस तरह की भाषा बोलता है, तो यह निंदनीय है। यह भारतीय सेना के बलिदान का घनघोर अपमान है।"

आईएएनएस से बातचीत में पित्रोदा ने कहा था कि भारत को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है और यह धारणा छोड़ने की जरूरत है कि चीन दुश्मन है। चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है।

सैम पित्रोदा ने कहा, "मुझे नहीं पता कि चीन से क्या खतरा है। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, क्योंकि अमेरिका को हमेशा दुश्मन की पहचान करनी होती है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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