अदाणी ग्रुप पर रिपोर्ट को लेकर भारतीय नियामकों की जांच का सामना कर रहा हिंडनबर्ग

Last Updated 16 Jan 2025 03:27:34 PM IST

अदाणी ग्रुप पर रिपोर्ट को लेकर बदनाम शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च भारतीय नियामकों, जैसे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के रडार पर है।



 

अदाणी ग्रुप पर रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है।

वहीं, शॉर्ट सेलर फर्म के संस्थापक नेट एंडरसन एक ओपन लेटर में गुरुवार को इसे बंद करने का ऐलान कर चुके हैं।

अदाणी समूह ने हमेशा हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को जोरदार तरीके से खारिज किया है, इसमें कहा गया है कि यह "सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़पूर्ण चयन" है, जिससे "तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत मुनाफाखोरी के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।"

ग्रुप के मुताबिक, "भारतीय प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघनों के लिए जांच के घेरे में आया बदनाम शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग के आरोप एक हताश संस्था द्वारा दिए गए भ्रामक बयानों से अधिक कुछ नहीं हैं।"

सेबी ने पिछले वर्ष हिंडनबर्ग रिसर्च, नेट एंडरसन और मॉरीशस स्थित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक मार्क किंगडन की संस्थाओं को अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरों में ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, इसके परिणामस्वरूप हिंडनबर्ग ने नई रिपोर्ट निकाली थी।

नियामक ने आरोप लगाया कि हिंडेनबर्ग और एंडरसन ने धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं से संबंधित नियमों और अनुसंधान विश्लेषकों के लिए आचार संहिता का उल्लंघन किया है।

कारण बताओ नोटिस में सेबी ने कहा कि रिपोर्ट जारी होने से पहले अदाणी एंटरप्राइजेज के फ्यूचर्स में शॉर्ट-सेलिंग गतिविधि देखी गई और रिपोर्ट के बाद 24 जनवरी, 2023 से 22 फरवरी, 2023 के बीच शेयर में 59 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

सेबी की जांच में पता चला कि के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड -क्लास एफ ने रिपोर्ट जारी होने से पहले ही एक ट्रेडिंग अकाउंट खोला था और अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर दी थी। इसके बाद एफपीआई ने फरवरी में अपनी पोजीशन को स्क्वेयर ऑफ कर दिया और 22.25 मिलियन डॉलर या 183.24 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।

हिंडनबर्ग ने अपनी जनवरी 2023 की रिपोर्ट का बचाव करना जारी रखा था और अदाणी ग्रुप ने शॉर्ट सेलर द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया।

पिछले कुछ समय से हिंडनबर्ग रिसर्च और अन्य अमेरिकी संस्थाओं द्वारा लगातार हमलों के बावजूद, अदाणी ग्रुप का मार्केट कैप बढ़कर लगभग 12.80 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

हर हमले ने ग्रुप को और भी मजबूत बनाया। हाल के दिनों में, अदाणी ग्रुप की कंपनियों को लेकर कई सकारात्मक अपडेट आए हैं, इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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