खालिस्तानी अलगाववादी की भारतीय राजदूत को धमकी 'गंभीर' मुद्दा : विदेश मंत्रालय

Last Updated 20 Dec 2024 06:04:56 PM IST

भारत सरकार ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा के खिलाफ ताजा धमकी को 'गंभीरता' से लिया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इस मुद्दे को वाशिंगटन में अधिकारियों के समक्ष उठाया गया है।


हाल ही में एक वीडियो में पन्नू ने धमकी दी कि क्वात्रा अमेरिका में खालिस्तान समर्थक सिखों के रडार पर है।

खालिस्तानी अलगाववादी ने दावा किया कि क्वात्रा कथित तौर पर रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में खालिस्तानी नेटवर्क पर भारतीय खुफिया एजेंसियों को इनपुट प्रदान कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, "जब भी ऐसी धमकियां दी जाती हैं, हम उन्हें बहुत गंभीरता से लेते हैं और अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाते हैं। इस विशेष मामले में भी, हमने इसे अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाया है और हमें उम्मीद है कि संयुक्त राज्य सरकार हमारी सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेगी और इस पर कार्रवाई करेगी।"

पूर्व विदेश सचिव क्वात्रा ने इस साल अगस्त में तरनजीत सिंह संधू की जगह संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के राजदूत का पदभार संभाला था।

क्वात्रा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब खालिस्तानी अलगाववादी अमेरिका में हिंदू समुदाय, हिंदू धार्मिक स्थलों और भारतीय दूतावास को निशाना बना रहे हैं।

खालिस्तानियों को कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क सहित अन्य स्थानों पर मंदिरों को क्षतिग्रस्त करने की घटनाओं में शामिल रहे। उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं को भी अंजाम दिया।

मिशिगन राज्य से प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए डेमोक्रेट थानेदार सहित कई सांसदों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों पर हमलों में 'काफी वृद्धि' पर चिंता जताई।

थानेदार ने हाल ही में मंदिरों और वाणिज्य दूतावास में हुई घटनाओं के पीछे के दोषियों को पकड़ने में विफल रहने के लिए जांच एजेंसी के प्रति निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि इन पूजा स्थलों पर हमला करने का प्रयास बहुत ही संगठित है, जिससे समुदाय में काफी डर का माहौल है। अक्सर हमने देखा है कि कानून प्रवर्तन, स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​इन जांचों में शामिल हो जाती हैं लेकिन शायद ही कभी किसी संदिग्ध की पहचान हो पाती है, और यह जांच कहीं नहीं पहुंच पाती है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment