दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चुनाव आयोग से BJP का प्रतिनिधिमंडल करेगा मुलाकात

Last Updated 12 Dec 2024 12:17:54 PM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर गुरुवार को शाम चार बजे दिल्ली भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मुलाकात करेगा। इस मुलाकात में वोटर लिस्ट सहित अन्य मुद्दों को भाजपा प्रतिनिधिमंडल के द्वारा रखा जाएगा।


बता दें कि वोटर लिस्ट में वोटरों का नाम कटवाने को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली में भाजपा षडयंत्र कर लोगों के वोट काटने की साजिश रच रही है।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है, " आम आदमी पार्टी की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला है। हम उनके आभारी हैं कि शॉर्ट नोटिस पर उन्होंने हमें मिलने का समय दिया।"

केजरीवाल का आरोप है कि भाजपा ये सब कुछ जानबूझकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "भाजपा दिल्ली में लोगों के वोट कटवाकर एक भारतीय नागरिक के रूप में लोगों को मिले अधिकारों को छीन रही है। वोट का अधिकार छीनने के साथ वह उन सुविधाओं की भी छीन रहे है जो वोटर होने के नाते सरकार द्वारा दी जाती है। शाहदरा में भाजपा के लोगों ने 11 हजार 8 वोट कटवाने के लिए चुनाव आयोग को एप्लिकेशन दी है। भाजपा ऐसे लोगों का वोट कटवा रही है जो झुग्गियों में रहते हैं। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न विधानसभाओं में हजारों मतदाताओं के नाम काटने की एप्लिकेशन चुनाव आयोग को दी है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने हमारी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए एक्शन लेने का आश्वासन दिया है।"

भाजपा पर केजरीवाल के आरोपों पर दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, " भारतीय जनता पार्टी का दृढ़ संकल्प है कि इस चुनाव में एक भी फर्जी वोट नहीं डलने देंगे, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ईमानदारी से काम कर रहे डीएम और एसडीएम पर अवैध वोट न काटने का दबाव बना रहीं है।"

सचदेवा के मुताबिक केजरीवाल डर गए हैं। उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल डर गए हैं, फर्जी वोटों और अवैध बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के वोट दिल्ली में पकड़े हैं ये वो वोट हैं जो आप को चंदा देने वाले फोर्ड फाउंडेशन के पैसों से खरीदे जाते हैं। देश में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन केजरीवाल जैसे लोग जब पूरी संवैधानिक प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं, तो लोकतंत्र की रक्षा के लिए संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे मामलों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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