Delhi Yamuna Pollution : दिल्ली में यमुना का प्रदूषण से बुरा हाल, ‘फीकल कोलीफॉर्म’ की सांद्रता 79 लाख इकाई प्रति 100 मिलीलीटर पहुंची

Last Updated 12 Dec 2024 06:52:38 AM IST

Delhi Yamuna Pollution : राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है तथा असगरपुर में इसमें ‘फीकल कोलीफॉर्म (मल संबंधी कीटाणु)’ की सांद्रता 79 लाख इकाई प्रति 100 मिलीलीटर (एमपीएन) तक पहुंच गई है।


दिल्ली में यमुना का प्रदूषण से बुरा हाल

असगपुर में ही यमुना दिल्ली से बाहर निकलती है। नवंबर के लिए जारी नवीनतम जल गुणवत्ता रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।      

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आंकड़ों से पता चला है कि यह आंकड़ा अक्टूबर में दर्ज किए गए शीर्ष स्तर से मेल खाता है, जो दिसंबर 2020 के बाद से सबसे अधिक सांद्रता थी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार मल संबंधी प्रदूषण के प्रतीक ‘फीकल कोलीफॉर्म’ की मान्य सीमा 2500 इकाई प्रति 100 मिलीलीटर है।

उच्चतर स्तर का अंतिम दर्ज उदाहरण दिसंबर 2020 है जब सांद्रता 120 करोड़ इकाई प्रति 100 मिलीलीटर तक पहुंच गई थी।      

डीपीसीसी की मासिक गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार यमुना पल्ला में दिल्ली में प्रवेश करती है और वहां ‘फीकल कोलीफॉर्म’ 1100 इकाई प्रति 100 मिलीलीटर है और जब नदी आगे बढती है जो उसमें मल संबंधी सांद्रता जलमल वाली नालियों के यमुना में गिरने के कारण बढ़ती चली जाती है।

डीपीसीसी राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देश पर यह रिपोर्ट जारी करती है।

नदी के पानी में घुली ऑक्सीजन (डीओ) का स्तर पल्ला (6.1 मिलीग्राम/लीटर) और वजीराबाद (5.2 मिलीग्राम/लीटर) में स्वीकार्य सीमा के भीतर बताया गया, जो जलीय जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। 

हालांकि, आईएसबीटी पुल पर ऑक्सीजन स्तर घटकर शून्य हो गया है और दिल्ली से बाहर निकलने तक वह शून्य ही रहा। शून्य डीओ स्तर आमतौर पर मृत नदी पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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